धनबाद(DHANBAD): राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल के प्रांगण में रविवार को दी आर्ट ऑफ लिविंग की अंतराष्ट्रीय प्रशिक्षिका श्रेया चुग जी के साथ 150 लोगो ने इंट्यूशन प्रोग्राम का अनुभव किया. धनबाद के अलावा बोकारो, जमशेदपुर, हजारीबाग, पटना, जामताडा, दुर्गापुर, चिरकुंडा, अंडाल, बेगूसराय, कतरासगढ से 55 बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता, अभिभावक पहुंचे हुए थे. हिमाचल प्रदेश की वरीय प्रशिक्षिका श्रद्धा रुक्मणि देवी और धनबाद की वरीय प्रशिक्षिका सोनाली सिंह ने यह सब सुगम कराया.
अंतर्ज्ञान प्रक्रिया बच्चों के दिमाग की संभावनाओं को बढ़ाता है
बताया गया कि हमारी चेतना में अपार अज्ञात क्षमता है. अंतर्ज्ञान प्रक्रिया बच्चों को दिमाग की संभावनाओं को सुरक्षित रूप से टैप करने में मदद करती है. यह मन को पांच इंद्रियों से परे देखने और अंतर्ज्ञान या छठी इंद्री तक पहुंचने में सक्षम बनाती है. एक मजबूत और अच्छी तरह से विकसित अंतर्ज्ञान आपको अच्छे निर्णय लेने, बेहतर संवाद करने और आत्मविश्वास बनाने में मदद करता है. अंतर्ज्ञान खोज और नवाचार में सहायता करता है. चूंकि यह कुछ अंतर्निहित है और हमारे दैनिक जीवन में स्पष्ट नहीं है, अंतर्ज्ञान को विकसित करने का प्रश्न प्रासंगिक और दिलचस्प हो जाता है.
बच्चो में अत्यंत सहज भाव से अंतर्ज्ञान की वृद्धि हुई
इस कार्यशाला में बच्चो को अत्यंत सहज भाव से अंतर्ज्ञान की वृद्धि हुई. इस कार्यशाला को सफल व सुचारू रूप से आयोजन में दी आर्ट ऑफ लिविंग झारखंड चिल्ड्रेन एंड टीन्स कोऑर्डिनेटर मयंक सिंह के साथ प्रशिक्षिका अनुप्रिया गुप्ता, वॉलंटियर सोनी कुमारी, पिंटू सिंह, बबिता सिंह, बिनोद तुलसियान, प्रिंसिपल सुमंत मिश्रा, रामाधार प्रसाद इत्यादि ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. चिल्ड्रेन एंड टींस कोऑर्डिनेटर मयंक सिंह और सोनाली सिंह ने इस कार्यक्रम का सुवस्थित और सुचारू रूप से आयोजन किया. वंदना सिंह, अवनी ध्रीति, रिद्धि गुप्ता, नलिनी ने अपने अंतर्ज्ञान का निरंतर अभ्यास से सबको मंत्रमुग्ध किया. आए सभी परिजन अत्यंत संतुष्ट और खुश दिखे.
रिपोर्ट: सत्यभूषण सिंह, धनबाद
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