देवघर (DEOGHAR) : समाजवादी नेता जनता दल के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे शरद यादव का निधन 12 जनवरी को हो गया था. राजद परिवार से जुड़े रहने के कारण इनको पार्टी द्वारा सोमवार को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. देवघर के कुंडा में राजद पार्टी द्वारा आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में पार्टी के प्रदेश महासचिव संजय यादव,राजद के वरिष्ठ नेता और झारखंड के पूर्व मंत्री सुरेश पासवान सहित यादव महासभा के कई पदाधिकारी और स्थानीय नेताओं द्वारा शरद यादव के चित्र पर पुष्प और माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई. इस मौके पर पार्टी और महासभा के बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे.
मंडल कमीशन की सिफारिशों में अहम भूमिका
आयोजित समारोह में सभी द्वारा शरद यादव के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया गया. मौके पर बोलते हुए राजद प्रदेश महासचिव और गोड्डा के पूर्व विधायक संजय यादव ने कहा कि शरद यादव ऐसे नेता थे जो हमेशा गरीब लोगों के आवाज़ को बुलंद करने का काम किए. मंडल कमीशन की सिफारिशों को लागू कराने में इन्होंने अहम भूमिका निभाई थी. ऐसे नेता हमलोगों के बीच आज नही रहे जिसकी पूर्ती निकट भविष्य में नही होने वाला है. इन्होंने कहां की शरद यादव ऐसे राजनीतिक विद्वान थे जिनकी दिखाए रास्ते पर कई नेता देश भर में बने. वहीं झारखंड के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ राजद नेता सुरेश पासवान ने शरद यादव को मसीहा बताते हुए कहा कि इन्होंने गरीब,शोषित,अल्पसंख्यक, दलित,आदिवासी इत्यादि समाज के उत्थान के लिए जिंदगी भर काम किया.ऐसे में इनके आदर्शो पर चलने का संकल्प लेते हैं. आयोजित श्रद्धांजलि सभा के द्वारा प्रांतीय यादव महासभा के शताब्दी समारोह को सफल बनाने पर भी जोर दिया गया. आगामी साल इस महासभा के शताब्दी वर्ष पूरा होने वाला है. इस समारोह को राष्ट्रव्यापी बनाने के लिए आगामी 22 जनवरी को इसकी शुरुआत बाबानगरी से होने जा रही है.
यादों में शरद यादव
जदयू के प्रथम राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव देश के ऐसे नेता थे जो 3-3 राज्य से 7 बार सांसद बने. सबसे ज्यादा बिहार के मधुपुरा लोकसभा सीट से 4 बार जबकि मध्य प्रदेश के जबलपुर से 2 और उत्तर प्रदेश के बदायूं से 1 बार जीत कर संसद पहुंचे थे.1 जुलाई 1947 को जन्मे शरद यादव 1989,1999,2001 और 2002 में केंद्रीय मंत्री के रूप में विभिन्न विभाग को संभाला. जेपी और लोहिया के चहेते रहे शरद यादव मीसा आंदोलन के तहत 1969,1972 और 1975 में हिरासत में भी लिए गए थे. चौधरी चरण सिंह और देवीलाल के करीबी रहने वाले शरद यादव ने दबे कुचले लोगों का आवाज़ हमेशा देश की पटल पर बुलंद किये. कुछ राजनीतिक दलों से क्षुब्ध होकर इन्होंने लोकतांत्रिक जनता दल पार्टी स्थापित की लेकिन 2018 में यह पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के साथ विलय कर गयी. 12 जनवरी 23 को लंबी बीमारी के बाद अस्पताल में इन्होंने अंतिम सांस ली.
रिपोर्ट : रितुराज सिन्हा, देवघर
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