देवघर(DEOGHAR):झारखंड का सबसे हॉट सीट गोड्डा लोकसभा का चुनाव इस बार दिलचस्प देखने को मिलेगा.एक तरफ लगातार चौथी बार सांसद बनने के लिए बीजेपी के निशिकांत दुबे मैदान में पसीना बहा रहे हैं, तो दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन के कांग्रेस कोटे के उम्मीदवार प्रदीप यादव.निशिकांत दुबे ने 10 को जबकि 13 मई को प्रदीप यादव ने अपना अपना नामांकन दाखिल किया है.गोड्डा लोकसभा क्षेत्र में इस बार बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला थी, लेकिन अभिषेक आनंद झा के नामांकन दाखिल करने से अब मुकाबला में ट्वीस्ट देखने को मिल सकता है.अभिषेक झा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आज गोड्डा समाहरणालय में निर्वाची पदाधिकारी सह उपायुक्त के समक्ष अपना नामांकन दाखिल किया.अभिषेक झा एक समय मे निशिकांत के बहुत करीबी थे, लेकिन अब वो इनके विरुद्ध चुनाव लड़ेंगे.नामांकन के बाद अभिषेक झा ने अपनी जीत का दावा किया.नामांकन के लिए देवघर से गाड़ियों के काफिला के साथ गोड्डा पहुंचने पर क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है.नामांकन के बाद गोड्डा के मेला मैदान में एक जनसभा का भी आयोजन किया गया.
कौन है अभिषेक झा और कैसे चुनावी समीकरण को बिगाड़ सकते है
एकीकृत बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री रह चुके पंडित बिनोदानंद झा के प्रपौत्र है अभिषेक झा.राजनीति विरासत में इन्हें मिली है.इनके दादा कृष्णानंद झा भी संयुक्त बिहार में मंत्री रह चुके हैकांग्रेस खानदान से ताल्लुक रखने वाले अभिषेक झा इस बार गोड्डा लोकसभा क्षेत्र से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.ब्राह्मण समाज से आने वाले अभिषेक झा की पकड़ इस समाज मे बहुत ज्यादा है.एक कारोबारी के तौर पर भी अभिषेक झा की पहचान है.यही वजह है कि दलित,स्वर्ण और वैश्य समाज में भी इनकी पकड़ मजबूत है.2009 में सांसद निशिकांत दुबे के बहुत करीबी आए तब सांसद के प्रयास से इन्हें बीजेपी ने मधुपुर से अपना प्रत्याशी बनाया लेकिन वह चुनाव हार गए.फिर भी 2009 से लेकर 2023 तक अभिषेक झा ने सांसद का साथ नही छोड़ा और उनके हर चुनाव में बढ़ चढ़ कर भाग लिया,लेकिन इस बार अभिषेक झा निशिकांत के विरुद्ध चुनावी मैदान में ताल ठोक दिया है.इसकी वजह से माना जा रहा है जमीन.देवघर का एक विवादित जमीन के सिलसिले में पिछले दिनों ईडी की कार्रवाई कई जगहों पर हुई थी, जिसमे अभिषेक झा भी शामिल है.संभावना जताई जा रही है कि निशिकांत दुबे के इशारे पर यह सब हुआ है.इसी मामला को लेकर अभिषेक झा ने निशिकांत दुबे से दूरी बना ली.
किसके पक्ष से बैटिंग कर रहे या फिर चुनाव जीतेंगे
गोड्डा लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां 18-18 प्रतिशत यादव,मुस्लिम और स्वर्ण है जबकि 16 प्रतिशत वैश्य,12 प्रतिशत हरिजन,10 प्रतिशत आदिवासी और 8 प्रतिशत में अन्य समाज के मतदाता है.पिछले चुनाव की बात करें तो मोदी लहर में बीजेपी को सभी जाति और समाज ने भरपूर समर्थन किया था,लेकिन इस बार के चुनाव में यादव समाज से प्रदीप यादव,मुस्लिम समाज से ओवेसी की पार्टी AIMIM का उम्मीदवार भी चुनाव लड़ रहा है,जो मुस्लिम समुदाय से आते है.
अभिषेक झा बीजेपी को कमजोर करने और कॉंग्रेस को जीताने के लिए चुनावी मैदान में उतरे है
अब निशिकांत दुबे और अभिषेक झा दोनो ब्राह्मण समाज से है.यादव,मुस्लिम और स्वर्ण बहुल क्षेत्र होने की वजह से सभी उम्मीदवारों के लिए हरिजन और आदिवासी मतदाता संजीवनी साबित होंगे.जो उम्मीदवार हरिजन और आदिवासी को अपने पक्ष में रीझा लेंगे संभावना है उन्ही की जीत हो सकती है.ऐसे में अभिषेक झा का जो समीकरण है वो बीजेपी के विरुद्ध चुनाव लड़ेंगे.जाहिर है इससे बीजेपी इस सीट पर कमजोर होगी,लेकिन चाणक्य निशिकांत दुबे की राजनीतिक चाल में यदि फंस गए तो कुछ भी कहना अभी जल्दबाजी होगी.दूसरी ओर यह कयास लगाया जा रहा है कि अभिषेक झा बीजेपी को कमजोर करने और कांग्रेस को जीताने के लिए चुनावी मैदान में उतरे है.अब देखना होगा कि 4 जून को बाज़ी किसके हाथ लगती है.गोड्डा में मतदान 1 जून को होना है.
रिपोर्ट-रितुराज सिन्हा
4+