दुमका(DUMKA):दुमका लोकसभा क्षेत्र की जनता ने झामुमो प्रत्याशी नलीन सोरेन के रूप में अपना सांसद चुन लिया है.बीजेपी प्रत्याशी सीता सोरेन को 22527 मतों से पराजय का सामना करना पड़ा.दुमका लोकसभा में आने वाले 6 विधानसभा क्षेत्र में से 4 विधानसभा क्षेत्र में बढ़त बनाने के बाबजूद बीजेपी प्रत्याशी चुनाव हार गई.
6 में से 4 विधान सभा क्षेत्र में मिली बीजेपी को बढ़त, शहरी क्षेत्र ने बचाई इज्जत
बीजेपी प्रत्याशी को जामा, नाला, दुमका और सारठ विधानसभा क्षेत्र में बढ़त मिली जिसमे 10433 मतों की बढ़त दुमका विधानसभा क्षेत्र से मिली.बूथवाइज चुनाव परिणाम को देखें तो दुमका के शहरी क्षेत्र के 45 बूथ ने बीजेपी की इज्जत बचा ली. दुमका नगर के वोटरों ने बीजेपी के पक्ष में खुलकर मतदान किया और झामुमो प्रत्याशी से 15,154 वोटों की बढ़त दिलायी. यदि दुमका नगर के 45 बुथों के वोटरों ने बीजेपी के पक्ष में खुलकर मतदान नहीं किया होता तो दुमका विधान सभा क्षेत्र से भी बीजेपी पिछड़ सकती थी.दुमका विधान सभा क्षेत्र में कुल 286 बूथ हैं. जिनमें से 45 बूथ दुमका नगर में, 140 बूथ दुमका ग्रामीण में और 101 बूथ मसलिया में पड़ता है.2019 के लोकसभा चुनाव में दुमका नगर से बीजेपी प्रत्याशी को 17,558 वोट मिले थे और झामुमो प्रत्याशी शिबू सोरेन 3,723 वोट लेकर शहरी क्षेत्र से 13,835 वोटों से पिछड़ गये थे. इस बार नलिन सोरेन ने गुरूजी से 503 वोट अधिक लाने के बावजूद 15,154 से पीछे रहे.
2019 के चुनाव में दुमका ग्रामीण क्षेत्र से भाजपा को मिली थी 65 वोट की बढ़त, इस बार पिछड़ी 140 वोट से
दुमका ग्रामीण क्षेत्र में 2019 में बीजेपी को 34,870 वोट और झामुमो को 34,805 वोट मिले हैं. यानि बीजेपी ने दुमका ग्रामीण क्षेत्र से तब 65 वोटों की बढ़त प्राप्त की थी पर इस बार दुमका ग्रामीण क्षेत्र में बीजेपी प्रत्याशी 140 वोटों से पिछड़ गयी.
मसलिया प्रखंड के मतदाताओं में है झामुमो की गहरी पैठ
2019 में मसलिया में बीजेपी 4,035 वोटों के अंतर से झामुमो से पिछड़ गयी थी. मसलिया में झामुमो प्रत्याशी शिबू सोरेन को 30,230 वोट जबकि बीजेपी प्रत्याशी सुनील सोरेन को 26,195 वोट मिले थे.2024 में मसलिया के 101 बुथों में झामुमो प्रत्याशी नलिन सोरेन को 34,137 वोट जबकि बीजेपी प्रत्याशी सीता सोरेन को 29,556 वोट मिले हैं और झामुमो ने 4,721 वोटों की बढ़त बनाकर दुमका शहरी क्षेत्र में हुए नुकसान की थोड़ी भरपाई की है. दुमका विधानसभा से बीजेपी प्रत्याशी सीता सोरेन को 89,211 और झामुमो प्रत्याशी नलिन सोरेन को 78,778 वोट मिले और इस तरह दुमका विधान सभा में बीजेपी ने कुल 10,433 वोटों की बढ़त हासिल की है जिसमें सबसे बड़ा योगदान दुमका नगर का है.
चुनाव परिणाम आगामी विधान सभा के संभावित बीजेपी प्रत्याशियों की बढ़ा सकती है धड़कन
चुनाव परिणाम आने के बाद निकट भविष्य में दुमका विधानसभा से चुनाव लड़ने वाले संभावित बीजेपी प्रत्याशी प्रत्येक बूथ पर मिले वोट की गणना करने में जुट गए हैं, क्योंकि लोक सभा चुनाव परिणाम में आगामी विधान सभा चुनाव परिणाम के संकेत छुपे हैं. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा को दुमका, जामा, सारठ और नाला विधानसभा क्षेत्र से बढ़त मिली थी, लेकिन उसके बाद हुए विधान सभा चुनाव में सारठ को छोड़ कर बीजेपी को कहीं सफलता नहीं मिली.इस बार के लोकसभा चुनाव परिणाम को देखें तो नाला और सारठ में बीजेपी की बढ़त पिछले चुनाव के मुकाबले काफी कम हुई है.
दुमका विधानसभा चुनाव में मसलिया प्रखंड के मतदाता माने जाते है निर्णायक
दुमका विधान सभा की बात करें तो पिछले लोकसभा चुनाव में बढ़त मिलने के बाबजूद विधानसभा चुनाव और उपचुनाव में बीजेपी को पराजय का सामना करना पड़ा. दरअसल दुमका विधानसभा मे मसलिया प्रखंड के मतदाता निर्णायक माने जाते है, यही वजह है कि बीजेपी हो या झामुमो, तमाम दलों की कोशिश मसलिया के मतदाताओं का विश्वास जीतने का होता है.यही वजह है कि 2014 से 2019 तक बीजेपी सरकार में कल्याण मंत्री के रूप में दुमका विधायक डॉ लुइस मरांडी का सबसे ज्यादा फोकस मसलिया पर ही रहा था.लागतात दो-दो चुनाव हारने के बाबजूद लुईस मरांडी लगातार मसलिया का दौरा कर रही है.वहीं वर्तमान राज्य सरकार से लेकर दुमका विधायक सह मंत्री बसंत सोरेन भी मसलिया क्षेत्र का लगातार दौरा कर क्षेत्र की समस्यों से अवगत होकर उसके समाधान की दिशा में कार्य कर रहे हैं.
रिपोर्ट-पंचम झा
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