JSSC-CGL का खुलने वाला है राज! पुलिस के पास पहुंचा सबूत, अब होगा पर्दाफाश

रांची(RANCHI): झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा ली गयी जेएसएससी-सीजीएल की परीक्षा में बवाल के बीच पुलिस के पास सबूत पहुंच गया. इस मामले पर अब पुलिस की जांच तेज हो गई है. इससे साफ है कि पुरे कथित पेपर लीक का पर्दाफाश हो जायेगा. आखिर जिस आधार पर छात्र आरोप लगा रहे हैं, इसकी सच्च्चाई क्या है जो सबूत अभ्यर्थियों को मिले है उसका लिंक परीक्षा से जुड़ा हुआ है या नही. फिलहाल इन सभी पहलुओं पर पुलिस जांच कर रही है. इधर, रांची पुलिस अपनी जांच की रिपोर्ट झारखण्ड हाई कोर्ट में भी पेश करेगी.
रांची पुलिस कर रही परीक्षा की जांच
बता दें कि लम्बे समय के बाद झारखण्ड में जेएसएससी-सीजीएल की परीक्षा हुई. इस बीच परीक्षा में गड़बड़ी न हो जिसे देखते हुए इंटरनेट तक बंद कर दिए गए. लेकिन, बावजूद इसके सवाल पेपर लीक का उठने लगा. जिसके बाद छात्र संगठन ने विरोध करना शुरू कर दिया. आखिर जब कहीं सुनवाई नहीं हुई तो कोर्ट का रुख किया. झारखण्ड हाई कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए पहली सुनवाई में ही रिजल्ट पर रोक लगाने का आदेश दिया, साथ ही रांची पुलिस को पूरी जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है.
छात्रों को बुला कर पुलिस कर रही बयान दर्ज
इधर, कोर्ट के आदेश के बाद जेएसएससी-सीजीएल के खिलाफ आंदोलन कर रहे छात्रों को बुला कर उनका बयान दर्ज किया है. छात्र नेता कुणाल ने बताया कि छात्रों का आरोप नहीं बल्कि उनके पास सबूत है कि पेपर को पहले ही लिक कर दिया गया है. जब एजेंसी के कर्मचारी पेपर लेकर आयोग तक पहुंचे, तो वहां पर सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हुए थे, इसी दौरान गड़बड़ी हुई है. साथ ही परीक्षा के एक दिन पहले ही रात में सभी के मोबाइल में परीक्षा का प्रश्न पत्र घूमने लगा था. उन्होंने बताया कि शुरू में रांची पुलिस और आयोग किसी ने छात्रों की बात नहीं सुनी. लेकिन, जब कोर्ट ने आदेश दिया तो पुलिस भी एक्शन में आई और अपनी जांच को आगे बढ़ाने में छात्रों का सहयोग ले रही है. छात्रों का बयान दर्ज किया गया है. साथ ही छात्रों ने कई सबूत भी पुलिस को सौंपा है. जिससे परीक्षा में गड़बड़ी करने वाले लोगों पर कार्रवाई की जा सके.
पुलिस को छात्रों ने दिया मोबाइल फोन,प्रश्न पत्र
छात्र नेता कुणाल ने बताया कि छात्रों ने रांची पुलिस को सबूत के तौर पर कई मोबाइल दिया है. मोबाइल फोन में व्हाट्सअप और टेलीग्राम में आए हुए प्रश्न पत्र भी मौजूद है. जिसमें समय तिथि सब साफ़ दर्ज है.
रिपोर्ट: समीर हुसैन
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