रांची(RANCHI): झारखंड एक ऐसा राज्य है जिसमें जमीन की किस्म करीब दस से अधिक है. विभिन्न तरीकों से जमीन को अलग-अलग कैटगरी में बाटा गया है.अगर देखें तो शहर से गांव तक आदिवासियों की जमीन बचाने के लिए एक स्पेशल स्टैटस दिया गया है. जिससे आदिवासियों की जमीन को कोई खरीद बिक्री नहीं कर सके.लेकिन आदिवासियों की जमीन की रांची में लूट मची हुई है. जिसका रसूख जितना वह उतना अधिक जमीन की लूट करने में लगा है. रांची में जमीन माफियाओं के आतंक इस कदर है कि किसी भी जमीन को रजिस्ट्री करा कर बिक्री कर देते है. आम तो छोड़ियों माफियाओं ने तो राज्य के पूर्व DGP से लेकर कई आईएएस आईपीएस को फर्जी दस्तावेज पर जमीन को बेच दिया है.
50 डिस्मिल जमीन की रजिस्ट्री
दरअसल राज्य के पूर्व DGP डीके पांडे ने भी गैर मज़रुआ जमीन की खरीद की थी. 2018 से पहले पूर्व DGP ने कांके इलाके में 50 डिस्मिल जमीन अपने पत्नी के नाम पर ली थी. इस जमीन पर एक आलीशान घर भी बनवा लिया. लेकिन बाद में मामले का खुलासा हुआ और DGP साहब विवाद में पड़ गए. अब जानकारी मिली है कि इस जमीन को भी कमलेश और इससे जुड़े लोगों ने ही उन्हे दिया था.
गाँव के लोगों ने ईडी के पास दर्ज कराया बयान
अगर देखे तो जितना बेचने वाला कसूरवार है उतना ही खरीदने वाला भी. आखिर कम रेट में जमीन के लालच में अधिकारियों ने तो जमीन खरीद ली. लेकिन अब सभी सभी अधिकारियों के जमीन की भी जांच ईडी कर रही है. गांव के लोगों ने ईडी के पास अपना बयान दर्ज करवाया है. जिसमें बताया है कि जमीन कारोबारी कमलेश और अन्य ने मिल कर जमीन पर जबरन कब्जा कर बड़े अधिकारियों को बेच दिया है. यही कारण है कि उनकी शिकायत करने पर कोई सुनने वाला भी नहीं है. जिस पुलिस –प्रशासनिक अधिकारियों के पास शिकायत करते है. वह कोई कार्रवाई नहीं करते है.
ईडी जल्द भेज सकती है समन
कांके अंचल के चामा मौजा में सैकड़ों एकड़ जमीन को फर्जी पेपर के जरिए बेचा गया है. जमीन बिक्री के बाद भी किसी तरह का कोई खेल ना हो इसके लिए. सत्ता के करीबी,नौकरशाह समेत अन्य बड़े अधिकारियों को कम रेट पर जमीन दी गई है.इसमें अहम किरदार कमलेश कुमार को माना जा रहा है. बिक्री कराने का पूरा जिम्मा इसके हाथ में था. संभवत जल्द ही ईडी सभी अधिकारियों को भी समन भेज कर पूछताछ के लिए बुला सकती है. जिससे कैसे जमीन की खरीद बिक्री हुई है यह साफ हो सके.
कमलेश के पास कैसे आई ताकत
अब सवाल है कि आखिर कमलेश कुमार कौन है जिसका रसूख इतना बड़ा है. दरअसल कमलेश एक निजी अखबार में फोटोग्राफर का काम करता था. धीरे धीरे अधिकारियों और नेताओं से अच्छा रिश्ता बन गया. बाद में उसने फोटोग्राफर का काम छोड़ कर जमीन की खरीद बिक्री का खेल शुरू कर दिया. धीरे धीरे लालच बढ़ती गई और फर्जी दस्तावेज बना कर जमीन की बिक्री करने लगा. कमलेश का साथ कई अधिकारियों ने भी दिया है. जिनके दम पर वह पूरे खेल को संचालित करता था.
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