केंद्र की बड़ी पहल: झारखंड में मत्स्य उद्योग को बढ़ावा, 7 में से 5 प्रोजेक्ट गढ़वा को मिले


गढ़वा (GARHWA): केंद्र सरकार के मत्स्य पालन विभाग और जलीय कृषि अवसंरचना विकास निधि (FIDF) के तहत झारखंड में मत्स्य उद्योग को प्रोत्साहित करने के लिए सात बड़े प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है. इनमें से अकेले पांच प्रोजेक्ट गढ़वा जिले को मिले हैं. 112 आकांक्षी जिलों में शामिल गढ़वा के लिए यह योजना मत्स्य पालकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं मानी जा रही है.
मत्स्य विभाग की इस पहल का उद्देश्य गढ़वा जैसे पिछड़े क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ाना, मत्स्य पालकों को आत्मनिर्भर बनाना और विलुप्तप्राय आदिम जनजाति परिवारों के आर्थिक उत्थान को गति देना है.
मेराल प्रखंड में 4 करोड़ की परियोजना स्वीकृत
केंद्र सरकार की FIDF योजना के तहत मेराल प्रखंड के पिपरा गांव निवासी नुरुल होदा अंसारी के प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिली है. इस परियोजना के लिए चार करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है. इस धनराशि का उपयोग आधुनिक मत्स्य पालन अवसंरचना, बीज उत्पादन और विकास इकाई स्थापित करने में किया जाएगा.
इसके अलावा गढ़वा जिले में चार अन्य योजनाएं पाइपलाइन में हैं, जिनमें अन्नराज डैम में केज फिश कल्चर भी शामिल है. इन योजनाओं के जरिए आदिम जनजाति परिवारों को मत्स्य व्यापार से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है.
नदी-नालों में मछली पालन की योजना
जिला मत्स्य विभाग द्वारा RRF (Riverine Fisheries for Flowing Waters) योजना के तहत लगातार बहने वाले नदी-नालों में मछली पालन कराया जा रहा है. स्थानीय मत्स्य पालकों का कहना है कि इन योजनाओं से उनकी आय बढ़ेगी और परिवार का जीवन स्तर सुधरेगा.
मुनेश्वर कोरवा और शंभू कोरवा, मत्स्य पालक ने बताया कि इस योजना से उन्हें रोजगार मिला है और भविष्य को लेकर नई उम्मीद जगी है.
क्या बोले जिला मत्स्य पदाधिकारी
जिला मत्स्य पदाधिकारी धनराज आर कापसे ने बताया कि झारखंड में स्वीकृत सात परियोजनाओं में से पांच गढ़वा जिले को मिली हैं. उन्होंने कहा कि जिले में मत्स्य पालन की अपार संभावनाएं हैं. वर्तमान में लगभग सात हजार मत्स्य पालक पंजीकृत हैं, लेकिन यदि अधिक लोग योजना से जुड़ें तो गढ़वा भी महानगरों की तरह मत्स्य उत्पादन में आगे बढ़ सकता है.
रिपोर्ट : धर्मेन्द्र कुमार
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