मुंबई - औद्योगिक घराना टाटा समूह के अमानत चेयरमैन रतन टाटा का निधन हो गया है. 86 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई के ब्रिज कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे.उनके निधन से देश में शोक की लहर फैल गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है.
प्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा के विषय में जानिए
टाटा के बारे में कौन नहीं जानता है झारखंड के लोग तो उनके रेनी है टाटा स्टील की जड़ झारखंड से जुड़ी हुई है स्टील ही नहीं बल्कि अनेक क्षेत्र में टाटा समूह ने बहुत विकास किया. जेआरडी टाटा उनके पूर्वज थे. रतन टाटा का जन्म 1937 में हुआ था. 1991 में उन्होंने टाटा समूह का दायित्व संभाला एक बेहतरीन इंसान विजनरी बिजनेस लीडर की खूबियों वाले रतन टाटा बहुत ही दयालु और सहयोगी प्रवृत्ति के व्यक्ति थे. अरबपति परिवार में जन्मे रतन टाटा को आम लोगों की चिंता ज्यादा महसूस होती थी.
टाटा समूह को सफलता की उचाईयों पर पहुँचाया
उन्होंने टाटा समूह को सफलता की ऊंचाइयों पर पहुँचाया टाटा स्टील हो या फिर व्हीकल प्रोडक्शन सभी क्षेत्र में उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने अपार सफलता हासिल की. उन्होंने भारत का नाम औद्योगिक विकास के फलक पर ऊंचा किया. 2012 तक भी टाटा समूह के अध्यक्ष रहे. फिलवक्त वे समूह के मानक अध्यक्ष थे. टाटा समूह की ओर से जारी शोक संदेश में कहा गया है कि यह टाटा समूह ही नहीं बल्कि पूरे देश की क्षति है.
झारखंड से उनका बेहद लगाव रहा
जमशेदपुर उनके ही पूर्वज की पहचान है. आज कई क्षेत्र में टाटा समूह ने काम किया है. कंज्यूमर प्रोडक्ट्स हो या फिर कमर्शियल व्हीकल या फिर कंस्ट्रक्शन सेक्टर,सभी क्षेत्र में टाटा कंपनी ने अपनी धाक जमाई है. उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. उनके पूर्वज झारखंड में स्टील उद्योग की स्थापना किए थे आज भी मार्च के महीने में जेआरडी टाटा की जयंती के मौके पर विशेष आयोजन होता है. झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने उनके निधन पर शोक जताया है. वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी रतन टाटा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि देश ने एक सपूत को खो दिया है. देश में उनका बड़ा सम्मान था. उन्हें भारत सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया था.
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