रांची(RANCHI): झारखंड में एक बार फिर से नेतृत्व परिवर्तन हो गया है. चंपाई सोरेन ने इस्तीफा देने के बाद राज्य की बागडोर हेमंत के हाथ सौप दिया है. अब झारखंड के नए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन होंगे. राज्यभवन में हेमंत सोरेन ने सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया है. अब हेमंत का शपथ ग्रहण रविवार को होने की संभवना है. ऐसे में कई नए चेहरे भी हेमंत कैबिनेट में शामिल हो सकते है. इसे लेकर भी नेताओं में मंथन किया जा रहा है. पूर्व मंत्री का पत्ता भी कट सकता है.
कई पुराने चेहरे होंगे रिपिट
दरअसल झारखंड में फिर से एक बार हेमंत होने मुख्यमंत्री बनने वाले है. अब चर्चा है कि हेमंत के मंत्री मंडल में क्या हो सकता है. कौन से चेहरे को मौका दिया जा सकता है या फिर चंपाई सोरेन सरकार के रहे मंत्री को ही रिपीट किया जाएगा. कई ऐसे पूर्व मंत्री है जिन्हे फिर से मौका मिल सकता है. जिसमें झामुमो से मिथलेश ठाकुर, हफ़िजूल हसन, दीपक बिरुआ, बसंत सोरेन, राजद से सत्यानंद भोक्ता, कांग्रेस से रामेश्वर उरांव, बन्ना गुप्ता रिपीट हो सकते है. वहीं बादल पर संकट के बादल मंडराते हुए दिख रहा है. कांग्रेस आलाकमान बादल को लेकर मंथन कर रहें है.
पिछली बार न्योता मिलने के बाद लौटे अब होंगे शामिल
चर्चा है कि 12वें मंत्री के रूप में लातेहार विधायक बैद्यनाथ राम को शामिल किया जा सकता है. चंपाई सरकार में भी बैद्यनाथ राम के नाम पर झामुमो के नेताओं ने मुहर लगाई थी. राजभवन को नाम भी भेज दिया गया था. लेकिन बाद में कांग्रेस ने इसका विरोध किया और न्योता मिलने के बाद भी मंत्री पद की शपथ नहीं ले सके थे. अब हेमंत सोरेन 3.0 में बैद्यनाथ राम को मौका दिया जा सकता है.इसे लेकर तैयारी भी शुरू कर दी गई है.सूत्रों की मानें तो चंपाई सरकार के गठन के समय हाल कुछ और थे अब हेमंत सोरेन जेल से बाहर है तो इनका निर्णय आखरी निर्णय होता है. बैद्यनाथ राम के मंत्री बनने का रास्ता साफ माना जा रहा है.
बादल का पर कतरने की तैयारी
अब कांग्रेस कोटे से मंत्री मण्डल में अगर बादल का पत्ता कटता है तो संताल के ही किसी विधायक के नाम पर मुहर लग सकती है. इसमें दीपिका पांडे सिंह का नाम आगे चल रहा है. अगर देखे तो दीपिका पांडे सिंह को लोकसभा का भी टिकट दे कर वापस लिया गया था. बावजूद दीपिका ने पार्टी के उम्मीदवार को मजबूती दिलाने का काम किया था. लेकिन जब बादल पत्रलेख के क्षेत्र जरमुंडी विधानसभा को देखेंगे तो इस क्षेत्र से मंत्री रहते हुए बादल भाजपा से 40 हजार वोट पीछे रह गए थे. पार्टी के उम्मीदवार को लीड दिलाने में सफल नहीं हो सके. ऐसे में पार्टी इनके काम को देखते इनके पर कतरने की तैयारी है. ऐसे में नए मंत्री के रूप में दीपिका हेमंत सरकार में शामिल हो सकती है.
आलमगीर के जगह इरफान का नाम तय
अब आलमगीर के जगह पर किसी अल्पसंख्यक को ही मौका दिया जा सकता है. अगर देखे तो कांग्रेस में अल्पसंख्यक चेहरे की कमी है. सिर्फ अकेले एक इरफान अंसारी विधायक है. ऐसे में संभावना है कि इरफान अंसारी के नाम पर भी मुहर लग गई है. अब हेमंत सोरेन के कैबिनेट में पहली बार इरफान अंसारी को शामिल किया जा सकता है. रविवार को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में मंत्री पद की सपथ ले सकते है.
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