जयराम महतो 1932 के अगुआ तो फिर गाड़ी का नंबर 1947 क्यों! आखिर ऐसा क्या हुआ की अब सरकारी बंगला लेने को तैयार टाइगर

रांची(RANCHI): झराखंड में टाइगर के नाम से मशहूर डुमरी विधायक जयराम महतो की गाड़ी और गाड़ी का नंबर तो चर्चा में है. 1932 खतीयान आंदोलन से राजनीति की शुरुआत करने वाले जयराम महतो जिस नीति और सिद्धांत की बात कर रहे थे अब उसपर सवाल उठ रहा है. आखिर ऐसा क्या हुआ कि पल भर में जयराम महतो की गाड़ी का नंबर 1947 हो गया. सरकारी घर नहीं लेने के लिए सवाल उठाने वाले जयराम महतो अब बंगला लेने को क्यों तैयार है.
विधानसभा बजट सत्र के दौरान जयराम महतो ने इसपर जवाब दिया. जयराम महतो ने कहा कि झारखंड में 1932 की बात वह शुरू से करते है. गाड़ी का नंबर 1947 रहने के पीछे की वजह है कि डुमरी के पूर्व विधायक दिवंगत जगरनाथ महतो की सभी गाड़ी का नंबर यही है, इसी वजह से उन्होंने 1947 का नंबर लिया है.
इसके अलावा सरकारी घर लेने पर कहा कि वह शुरू से इसका विरोध कर रहे थे लेकिन अब सरकारी घर इस लिए ले रहे है कि वह नहीं लेंगे तो वह घर किसी और को मिल जाएग. जो विधायक नहीं है, वह भी कब्जा कर सकते है. इस घर का वह इस्तेमाल खुद के लिए नहीं बल्कि डुमरी क्षेत्र में पढ़ने वालों छात्रों को देंगे. जो परिवार गरीब है मजबूर है, वो रांची में रह कर पढ़ाई नहीं कर सकता. उन्हें अपने घर में रहने के लिए जगह देंगे.
रिपोर्ट-समीर
4+