Ranchi:डर सबको सताता है, कलेजा सबका डोलता है, मौत सामने खड़ा देखकर पसीने सबके छुटते हैं, नहीं तो जिस अमन साहू का नाम सुन अच्छों- अच्छों को पसीना आता था, आज जिंदगी की गुहार नहीं लगा रहा होता. दरअसल गैंगस्टर अमन साहू ने हाई कोर्ट के चीफ जस्टिश को एक पत्र लिख कर अपनी हत्या की साजिश की आशंका प्रकट की है, उसका दावा है कि एक साजिश के तहत उसे पलामू जेल से गिरिडीह दूसरी जेल में शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है और इस साजिश में कई कोयल माफिया, पुलिस के आला अधिकारियों के साथ ही राजनेताओं की मिली भगत है. जेल शिफ्ट करने की इस प्रक्रिया में संबंधित ट्रायल कोर्ट से परमिशन भी नहीं ली गयी है. जबकि ट्रायल कोर्ट ने जेल शिफ्ट करने के मामले में पहले ही स्पष्टीकरण की मांग है. लेकिन बगैर ट्रायल कोर्ट की इन आशंकाओं का समाधान किये एक बार फिर से कोर्ट शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है. जबकि बार बार जेल शिफ्ट करने का कारण उसके खिलाफ मुकदमों की सुनवाई बाधित हो रही है.
चार वर्षों से न्यायिक हिरासत में अमन साहू
अमन साहू का आरोप है कि वह पिछले चार वर्ष से अधिक समय से न्यायिक हिरासत में है. इस जेल शिफ्ट के दौरान एक दुर्घटना में वह स्लीप डिस्क का मरीज बन चुका है. जिसके बाद मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी लातेहार के आदेश पर उसके इलाज के लिए एक मेडिकल बोर्ड का भी गठन हुआ था. जिसके बाद मेडिकल बोर्ड ने उसे समूचित इलाज के लिए रिम्स भेजने का निर्देश दिया था, लेकिन अब उसकी अनदेखी कर एक बार फिर गिरिडीह भेजने की बात कही जा रही है. यह सब कुछ एक षडयंत्र के तहत किया जा रहा है, उसे भी अमन सिंह के समान न्यायिक हिरासत में ही सलटाने की कोशिश की जा रही है.
गैंगेस्टर अमन सिंह की हत्या से आशंकित है अमन साहू
यहां ध्यान रहे कि कुख्यात गैंगेस्टर अमन सिंह की हत्या भी न्यायिक हिरासत के दौरान धनबाद जेल में हुई थी. अपनी हत्या के पहले अमन सिंह ने भी अपनी हत्या की आशंका जाहीर की थी, लेकिन उसकी इस गुहार पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी और आखिरकार उसकी हत्या कर दी गयी. अमन साहू को डर है कि अमन सिंह की तरह उसे भी रास्ते से हटाने की साजिश रची जा रही है. इस षडयंत्र में पुलिस विभाग के आलाअधिकारियों के साथ ही राजनेताओं की भूमिका है.
आप इसे भी पढ़ सकते हैं
कांग्रेस के घोषणा पत्र पर बाबूलाल का तंज, देश में एक ही गारंटी “मोदी की गारंटी”, बाकी सब बेकार
4+