रांची(RANCHI): लोकसभा चुनाव का परिणाम झारखंड में चौकाने वाला था.जिस क्षेत्र से प्रत्याशी को ज्यादा उम्मीद थी उसपर पानी फिर गया,साथ ही हार का टैग माथे पर लग गया. कुछ ऐसा ही गोड्डा लोकसभा क्षेत्र INDIA के उम्मीदवार प्रदीप यादव के साथ हुआ है. कांग्रेस के गढ़ में ही उन्हें मात खानी पड़ी है. इसमें मंत्री बादल पत्रलेख का भी क्षेत्र शामिल है.
दरअसल गोड्डा की जंग में भाजपा के निशिकांत दुबे ने बाजी मारी है. कड़े टक्कर के बीच निशिकांत दुबे चौथी बार सांसद बनने में सफल हो गए. इसके बाद अब समीक्षा का दौर जारी है. कांग्रेस के नेता बूथ स्तर तक समीक्षा कर रहे है. आखिर चूक कहाँ हो गई. इसमें सबसे पहले खुद प्रदीप यादव का क्षेत्र सामने आया. पोड़ैयाहाट से प्रदीप आठ हजार वोट से पीछे हुए. इसके बाद मंत्री बादल के क्षेत्र जरमुंडी से 40 हजार वोट से पिछड़ गए.
आंकड़ा सांमने आने के बाद कई चर्चाओं के बाजार गर्म है. कांग्रेस कोटे से मंत्री बादल पूरे प्रदेश में घूम घूम कर लोगों से गठबंधन को वोट देने की अपील कर रहे थे. लेकिन अपने क्षेत्र में ही पीछे रह गए.इसके पीछे का कारण लोग अब ED से भी जोड़ कर देख रहे है. चुनाव के समय ही ED के समन का मामला खूब उछला था.
बताया जा रहा था कि मंत्री बादल पत्रलेख को ईडी समन भेज कर पूछताछ के लिए बुला सकती है. अब सवाल उठ रहा है कि क्या ईडी का डर या फिर मंत्री की पकड़ अपने क्षेत्र में कमज़ोर हो रही है. अगर ऐसा है तो फिर बादल को लेकर पार्टी के पास भी जानकारी जरूर पहुंची होगी. ऐसे में विधानसभा चुनाव में बादल के सामने टिकट का भी संकट खड़ा हो सकता है.
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