धनबाद(DHANBAD): केंद्रीय मंत्रिमंडल को लेकर बैठकों का दौर जारी है. स्वाभाविक है कि झारखंड और बिहार के नामों पर भी चर्चा होगी. हो भी रही है, सूत्रों के अनुसार चार सांसदों पर एक मंत्री बनाए जाने की रूप रेखा खींची जा रही है. ऐसे में तो झारखंड से दो या तीन मंत्री बन सकते हैं, लेकिन झारखंड से मंत्री बनने वालों में जिन नाम की चर्चा है, उनकी सूची थोड़ी लंबी है. झारखंड में लोकसभा का चुनाव परिणाम ऐसा आया है कि भाजपा के पास केंद्रीय मंत्री बनाने के लिए कोई आदिवासी सांसद नहीं है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा चुनाव हार गए है. समीर उरांव, सीता सोरेन और गीता कोड़ा भी चुनाव हार चुके है. झारखण्ड से पिछले मंत्रिमंडल में अन्नपूर्णा देवी और अर्जुन मुंडा मंत्री थे.
झारखण्ड से कई नाम चर्चे में,चल रहा है मंथन
इस बार भी अन्नपूर्णा देवी जीती है. अन्य कई लोगों के नाम पर चर्चा चल रही है. ऐसे लोगों में गिरिडीह से चुनाव जीते चंद्रप्रकाश चौधरी, गोड्डा से चुनाव जीते निशिकांत दुबे, रांची से चुनाव जीते संजय सेठ, जमशेदपुर से चुनाव जीते विद्युत वरण महतो आदि के नाम की चर्चा चल रही है. यह अलग बात है कि इस बार गठबंधन की सरकार बन रही है, इसलिए भाजपा कोटे के मंत्री भी सीमित हो सकते है. हालांकि अभी चर्चा चल रही है कि गठबंधन की सरकार में औसतन चार सांसदों पर एक मंत्री बनाए जा सकते है. ऐसे में झारखण्ड से दो या तीन और बिहार से सात- आठ मंत्री बन सकते है.
बिहार से जातीय समीकरण पर फोकस
जानकारी के अनुसार भाजपा, जदयू, लोजपा ( रामविलास) और हम से कैबिनेट में शामिल किए जाने वाले सांसदों को लेकर विचार -विमर्श चल रहा है. इसमें जातिगत समीकरणों का खास तौर पर ध्यान रखा जा रहा है. यह बात हवा में है कि बिहार विधानसभा के चुनाव को ध्यान में रखते हुए बिहार से एक जाति के एक ही केंद्रीय मंत्री बनाए जाने का फार्मूला लगभग तैयार हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड के पूर्व अध्यक्ष ललन सिंह, राज्यसभा सांसद संजय झा के अलावा सांसद रामनाथ ठाकुर और सुनील कुमार कुशवाहा के नाम की चर्चा है. ललन सिंह का नाम पिछली मोदी कैबिनेट में भी मंत्री बनने की रेस में था, लेकिन आरसी पी सिंह के आ जाने के बाद उनका नाम कट गया था. इस बार उन्हें मौका मिल सकता है. अगर ललन सिंह मंत्री बनते हैं, तो वह भूमिहार जाति से आते है.
एक जाति के केवल यह ही बनाये जा सकते है मंत्री
उन्हें अगर जगह मिली तो जेडीयू या बीजेपी से अन्य किसी भूमिहार जाति के नेता को मंत्री बनने के आसार कम दिख रहे है. हालांकि भूमिहार समाज से बीजेपी के गिरिराज सिंह और विवेक ठाकुर के नाम भी प्रमुख है. बिहार में बीजेपी से राजपूत समाज से आने वाले राजीव प्रताप रूडी या जनार्दन सिंह सिग्रीवाल के नाम की भी चर्चा है. ब्राह्मण समाज से बीजेपी के गोपाल जी ठाकुर या राज्यसभा सांसद सतीश चंद्र दुबे को कैबिनेट में जगह मिल सकती है. इसी समाज से जदयू के संजय झा के नाम की भी चर्चा है. यादव समाज से बीजेपी के नित्यानंद राय का नाम सबसे आगे चल रहा है. इसी तरह दलित समाज से लोजपा (रामविलास) के मुखिया चिराग पासवान के मंत्री बनने के आसार दिख रहे है. महादलित समाज से आने वाले पूर्व सीएम जीतन राम मांझी का नाम भी चर्चा में है. अब देखना दिलचस्प होगा कि कितने को कुर्सी मिल पाती है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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