TNP DESK- लोकसभा चुनाव को लेकर झारखंड में इंडिया गंठबंधन लगातार अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर रही है. बता दे की हाल ही में कांग्रेस ने गोड्डा सीट से दीपिका पांडे सिंह को उम्मीदवार बनाया था. दीपिका को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद लगातार गोड्डा , दुमका और देवघर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा यह मांग की जा रही थी की कांग्रेस आलाकमान गोड्डा से अपने उम्मीदवार को बदले नहीं तो पार्टी को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी , इस बीच दबाव कहे या कुछ और कांग्रेस ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए दीपिका सिंह को ड्राप करते हुए गोड्डा से प्रदीप यादव के नाम की घोषणा कर दी वहीं रांची से यशस्विनी सहाय को अपना प्रत्याशी बनाया है , यशस्वनी पूर्व सांसद और केंद्रीय मंत्री सुबोध कांत सहाय की पुत्री है जिसके लिए कांग्रेस के एक विधायक जी जान लगाकर से पैरवी कर रहे थे . गोड्डा लोकसभा सीट सूबे का हॉट सीट मानी जा रही है , एक तरफ भाजपा प्रत्याशी निशिकांत दुबे हैं तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने दीपिका को प्रत्याशी बनाया था लेकिन एका एक दीपिका को हटाकर प्रदीप यादव को टिकट दे दिया गया बताते चले की हाल के दिनों में निशिकांत दुबे ने मीडिया से बात करते हुए यह दावा किया था कि कांग्रेस अगर प्रदीप यादव को टिकट देती है तो वह गोड्डा में चुनाव प्रचार नहीं करेंगे बल्कि वो देवघर में बैठ चाय पियेंगे और विक्ट्री सर्टिफिकेट लेने मात्र वो गोड्डा जाएंगे. अब शायद कांग्रेस ने संभवतः भाजपा की चुनौती स्वीकार करते हुए निशिकांत दुबे के सामने दीपिका के जगह प्रदीप यादव को खड़ा करना उचित समझा होगा लेकिन यदि तय माना जा रहा है कि कांग्रेस में समर्पित कार्यकर्ता के जगह जिस तरह से उम्मीदवार का चयन कर रही है उससे साफ है कांग्रेस पैसा और पैरवी के पुराने आदत से उबर नहीं पायी है. जानकारों के मुताबिक प्रदीप का निशिकांत के सामने खड़ा करना समझ से परे दिखता क्योंकि पिछले हुए कई चुनाव में प्रदीप को निशिकांत शिकस्त देता आया है ऐसे में कांग्रेस किस सोच के साथ अपने फैसले को बदलते हुए उन्हें टिकट दिया ये राजनीतिक समझ रखने वाले लोगों के समझ से परे है.
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