रांची(RANCHI): झारखंड में अवैध खनन मामले की जांच कर रहे केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी कि ईडी ने इस मामले में सीएम के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा को मुख्य आरोपी बनाया है. पंकज मिश्रा फिलहाल जेल में हैं, मगर, उनकी तबीयत ठीक नहीं होने के कारण उन्हें अभी CIP में रखा गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है. मगर, इससे पहले जब पंकज मिश्रा जेल में थे तो उनसे कई अधिकारियों ने फोन पर बातचीत की. ईडी ने इस बारे में कई अधिकारियों से पूछताछ भी की. इस मामले में ईडी को पंकज मिश्रा के साथ फोन पर अधिकारियों की बातचीत के कई सबूत मिले हैं. ईडी के पास ऐसा ही एक ट्रांस्क्रिप्ट मौजूद है, जिसमें पंकज मिश्रा को कोई समझाते और दांट लगाते सुनाई दे रहा है.
क्या हुई बातचीत?
सूत्रों की मानें तो टेलीफोनिक बातचीत का ये ट्रांसस्क्रिप्ट सीएम हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद श्रीवास्तव उर्फ पिंटू और जेल में बंद पंकज मिश्रा के बीच का है. इस बातचीत में अभिषेक प्रसाद पंकज मिश्रा को ईडी और मीडिया से अच्छे से बर्ताव करने के लिए कहते हुए सुनाई देते हैं. वे कहते हैं कि ज्यादा अमिताभ बच्चन ना बनो, जब लालू यादव नहीं बच पाये तो तुम क्या हो. उन्होंने कहा कि तुमको पॉलिटिक्स से काम लेना चाहिए, तुम ये कब सीखोगे? लगता है, विवाद में रहना फितरत हो गया है तुम्हारा.
इस बातचीत में पंकज मिश्रा के द्वारा दिए गए किसी बयान का भी जिक्र करते हुए कहा जाता है कि कल जो तुमने बयान दिया था वो ठीक नहीं था. मीडिया चौथा स्तम्भ होता है, सोच समझ कर बयान दिया करो, तुम कब समझोगे. हमको समझ नहीं रहा है, एक तो तुम्हारा अपने ही ठुकाई हो रहा है और ऊपर से तुम ये सब करके तुम खुद अपना ठुकाई कराना चाह रहे हो, ये सब से कुछ मिल तो नहीं रहा है, ऊपर से छीन जरूर जा रहा है.
आगे कहा गया कि तुम्हारा शरीर खराब हो रहा है. कब समझोगे और कब सुधरोगे? ये सब नहीं बोलना चाहिए. आदमी को संयमित रहना चाहिए. लालू यादव को मीडिया ने बख्शा ही नहीं तो तुम क्या हो? ये सब में संयम बरतना चाहिए और समय का इंतजार करना चाहिए. अभी तुम्हारा समय विपरीत चल रहा है. तुमको ये सब से बचना चाहिए. तुमको अभी इलाज कराना चाहिए, वही तुम्हारे लिए ठीक है. नहीं तो दिक्कत करेगा ये लोग.
इसके साथ ही सूत्रों ने ये भी बताया कि ये भी बोला गया है कि तुम्हारी वजह से सीएम पर आरोप लग रहे हैं तो सुधर जाओ और थोड़ा आराम से रहो.
बता दें कि पंकज मिश्रा से जेल में रहते हुए फोन पर बातचीत करने के कई सबूत ईडी को मिले हैं. इसके साथ ही जेल में बंद पंकज मिश्रा के संपर्क में कई अधिकारी थे, जिसके भी सबूत ईडी को मिले हैं, जिसके बाद ईडी ने कई अधिकारियों से पूछताछ भी किया.
सीएम के प्रेस सलाहकार पर ईडी की जासूसी कराने का आरोप
वहीं ताजा मामला ईडी की जासूसी का है, जिसमें भी सीएम हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद श्रीवास्तव उर्फ पिंटू का नाम शामिल है. इस बारे में ईडी ने झारखंड हाईकोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है, जिसमें कहा गया है कि जांच प्रभावित करने के लिए सीएम हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद श्रीवास्तव उर्फ पिंटू और महाधिवक्ता ने ईडी अधिकारियों की जासूसी कराई है. ईडी ने झारखण्ड हाइकोर्ट में मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार और महाधिवक्ता के बीच हुई बातचीत का पूरा ब्यौरा हलफनामे में दिया है.
ईडी ने अपने हलफनामे में बताया
ED द्वारा झारखंड हाई कोर्ट को बताया है कि अवैध खनन और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित केस में जांच को बाधित करने के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय में तैनात प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद और महाधिवक्ता राजीव रंजन की ओर से जासूसी कराई गई है. हाईकोर्ट में इसे लेकर ईडी की ओर से दाखिल किए गए हलफनामे में इन दोनों के बीच टेलीफोनिक बातचीत का एक ट्रांसस्क्रप्टि भी सौंपा गया है. इसमें दोनों के बीच ईडी के अधिकारियों की गतिविधियों पर नजर रखने पर बात हुई है.
ईडी की ओर से दाखिल हलफनामे में बताया गया है कि साहिबगंज जिला अंतर्गत बड़हरवा में टोल प्लाजा के टेंडर को लेकर हुए विवाद में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आने पर इसकी जांच की जा रही है. इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू ने महाधिवक्ता राजीव रंजन से फोन पर बात की, जिसमें कहा गया है कि एक ऐसा आदमी दीजिए, जो ईडी के अधिकारियों की गतिविधियों पर नजर रखे. उनकी जासूसी करे. यह बातचीत बीते 22 जुलाई को हुई है. 355 सेकेंड की इस बातचीत का पूरा ब्यौरा हलफनामे में दिया गया है.
आज कोर्ट में हुई सुनवाई
वहीं आज बड़हरवा टोल प्लाज़ा मामले में कोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायाधीश एसके द्विवेदी की अदालत में अदालत ने सुनवाई करते हुए माना कि इस मामले में सही तरीके से जांच नहीं हुई है. इसके साथ ही कोर्ट ने सरकार से पूछा कि मामले की जांच 27 मिनट में कैसे पूरी कर ली गई. मामले में राज्य सरकार और प्रतिवादी ने कोर्ट से समय मांगा. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में भी मामला लंबित है. जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई की अगली तिथि 16 जनवरी को मुकर्रर की.
क्या है बड़हरवा टोल प्लाजा मामला?
बता दें कि साहिबगंज के बरहरवा थाने में टोल प्लाजा टेंडर विवाद में पंकज मिश्रा और आलम गिर आलम को पुलिस ने क्लीन चीट दे दी थी. इसे लेकर शंभू नंदन कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसमें आरोप लगाया गया था कि पंकज मिश्रा ने धमकी दिया था कि टेंडर में भाग नहीं ले. पंकज मिश्रा की ये धमकी टेलिफोनिक थी. मगर, पुलिस ने इस रिकॉर्डिंग की फॉरेंसिक जांच नहीं कराई. इसके साथ ही पुलिस पर आरोप है कि आधे घंटे में 14 गवाहों का बयान लेकर पुलिस ने मामले में पंकज मिश्रा और मंत्री आलमगीर आलम को क्लीन चिट दी थी. प्रार्थी ने आरोप लगाया कि मामले की जांच को प्रभावित करने के लिए इन दोनों को पुलिस ने क्लीन चीट दी है. इसके साथ ही प्रार्थी ने कोर्ट से इस मामले में सीबीआई जांच का आग्रह किया है.
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