अमन साहू के Second-in-command को विदेश से खीचकर ATS ला रही रांची, गैंग में मची खलबली

रांची (RANCHI ) : झारखंड में गैंगस्टरों के खात्मे के लिए पुलिस मुख्यालय हरकत में है. इसके लिए मजबूत रणनीति और प्लान तैयार किया है. गैंगस्टरों पर कैसे प्रहार किया जाए इस पर जोर दिया जा रहा है. एटीएस को खुली छूट दी गई है, ताकि गैंगस्टरों का पूरी तरह सफाया हो सके. पुलिस मुख्यालय ने अपने टारगेट पर प्रिंस खान, अमन श्रीवास्तव, विकास तिवारी समेत कई गैंग को रखा है. इन सभी पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है. अब जिस तरह से झारखंड से आतंक फैलाने वाले कुख्यात गैंगस्टरों पर लगाम लगाई जा रही है, उससे साफ है कि पुलिस किसी भी कीमत पर झारखंड में अपराधियों को पनपने नहीं देगी.
अमन साहू के खात्मे के बाद एटीएस और झारखंड पुलिस उत्साहित है, क्योंकि झारखंड से एक बड़े आतंक का सफाया हो चुका है, लेकिन अब प्रिंस खान, अमन श्रीवास्तव और कई गिरोह झारखंड के अलग-अलग इलाकों में रंगदारी वसूल रहे हैं. जिसके लिए डीजीपी ने रणनीति तैयार कर ली है. डीजीपी ने साफ कहा है कि जो लोग विदेश में बैठकर गिरोह चला रहे हैं उन पर निगरानी रखी जा रही है, उन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और उन्हें भारत लाया जाएगा. विदेशों में छिपे लोगों को भारत वापस लाने की कवायद भी तेज हो गई हैं.
अमन साहू के सबसे करीबी मानें जाने वाले सुनील सिंह मीणा को अजरबैजान से भारत लाने की तैयारी तेज कर दी गई है. एटीएस एसपी के नेतृत्व में एक टीम अजरबैजान जा रही है. इसके बाद वहां की कोर्ट से सभी दस्तावेज और कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद उसे भारत लाया जाएगा और उसके बाद अमन का राज खुलेगा.
इस तरह से देखा जाए तो कोयलांचल और खासकर धनबाद में प्रिंस खान का आतंक सर चढ़कर बोलता है. उसके इशारे पर धनबाद के किसी व्यवसायी पर गोली चल जाती है या फिर किसी ठेकेदार को उठा लिया जाता है. प्रिंस खान द्वारा धनबाद में एक समानांतर व्यवस्था चलाई जाती है, इसके अलावा विकास तिवारी गिरोह भी कोयला व्यवसायियों और बिल्डरों से रंगदारी वसूलता है. देखा जाए तो अमन श्रीवास्तव गिरोह के निशाने पर व्यवसायी और बिल्डर ही हैं. यही वजह है कि आज कोई भी बिल्डर या बड़ा व्यवसायी झारखंड आना नहीं चाहता. लेकिन अब बेहतर माहौल बनाने की दिशा में कार्रवाई तेज कर दी गई है. इसका असर आने वाले दिनों में दिखेगा.
रिपोर्ट-समीर
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