टीएनपी डेस्क : साल 2018 के बाद एक बार फिर देश में निपाह वायरस अपना कहर बरसा रहा है. देश के केरल राज्य में इस वायरस के कारण हड़कंप मचा हुआ है. इस वायरस की वजह से एक 14 वर्षीय किशोर की जान भी चली गई है. 2018 से लेकर अब तक केरल में इस वायरस ने पांच बार कहर बरसा दिया है. वहीं, इन 7 सालों में अब तक केवल 6 संक्रमित मरीजों को ही बचाया जा सका है. केरल सरकार ने पूरे राज्य को अलर्ट पर रखा है.
क्या है निपाह वायरस
निपाह वायरस एक जूनोटिक वायरस है जो जानवरों से इंसानों में फैलता है. किसी भी संक्रमित पशु के संपर्क में आने से निपाह वायरस इंसानों में फैलता है. यह ज्यादातर चमगादड़ों व सूअरों के माध्यम से फैलता है. निपाह वायरस से पीड़ित इंसान के संपर्क में आने से भी यह दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है. यह वायरस पीड़ित व्यक्ति के खांसने या छिकने से हवा में फैलता है और दूसरे व्यक्ति को संक्रमित करता है. इसके गंभीर लक्षण इंसान के ब्रैन को डैमेज कर सकता है, और उसकी जान भी जा सकती है. इस वायरस के लिए अब तक कोई इलाज या टीका नहीं है.
निपाह वायरस के लक्षण
इस वायरस के लक्षण मुख्यता 14 दिनों के भीतर दिखाई देना शुरू करते हैं.
निपाह से बचाव के उपाय
निपाह वायरस का अब तक कोई भी वैक्सीन या इलाज नहीं निकला है. इसलिए आप कुछ तरीकें अपना कर इस वायरस से सुरक्षित रह सकते हैं. बीमार जानवरों के संपर्क में आने से बचें. स्वच्छता पर ध्यान दें. बाहर से आने के बाद अच्छी तरह से हाथ धोएं. खराब खानपान के सेवन से बचे. संक्रमित व्यक्ति के सीधे संपर्क में न आएं. यदि घर में कोई पीड़ित है तो उसके पास जाने से पहले अच्छी तरह से एहतियात बरतें. निपाह वायरस के लक्षण दिखते ही डॉक्टर के पास जाएं और खुद को आइसोलेट कर ले.
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