टीनपी डेस्क (TNP DESK) : बॉलीवुड में कुछ ऐसे लोग हैं जो अपने बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं. कुछ लोगों ने अपने खिलाफ हो रहे अन्याय और अत्याचार के बारे में बात करने से न तो पीछे हटे और न ही उन्होंने अपनी आवाज दबाई है. फिल्म मैकर विवेक अग्निहोत्री भी आजकल अपने इसी अंदाज के लिए चर्चा में है. वो अपनी बातों को सामने रखने से कभी नहीं डरते चाहे वो बात बाकी के लिए कितनी भी बुरी और कड़वी ही क्यों न हो. अग्निहोत्री कोई भी मौका नहीं छोड़ते हैं. उन्होंने हर वक्त इंडस्ट्री में हो रही नाइंसाफी को लेकर अपनी आवाज उठाई है. वही एक बार फिर उन्होंने अपनी आवाज को बुलंद करते हुए बताया कि बॉलीवुड उन्हें अपना निशान बनाते हुए बायकॉट कर रही है. विवेक का कहना है कि ऐसा नेरे साथ इसलिए हो रहा है क्योंकि मैं इंडस्ट्री के काम करने के तरीकों पर सवाल उठता हूँ.
मेरे और कंगना के अलावा कोई नहीं बताता सच
बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना अपनी बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती है एक्ट्रेस अपनी बातों को सामने रखने से कभी नहीं कतराती. इंडस्ट्री से जुड़ी कोई भी कमी को खुलकर सामने रखती हैं. अपनी इन्हीं आदतों की वजह से कई बार उन्हें ट्रोलर्स का सामना भी करना पड़ता है और बॉलीवुड का निशाना भी बनना पड़ता है. इसी को लेकर विवेक अग्निहोत्री ने कहा कि मेरे और कंगना के अलावा कोई नहीं है जो बॉलीवुड की कमियों को बताएं और शायद यही वजह है की इंडस्ट्री के लोग हमें बॉयकॉट कर रहे हैं.
मुझे अलग-थलग क्यों किया जाता है? - अग्निहोत्री
इस बारे में बात आगे बढ़ते हुए अग्निहोत्री ने कहा कि 'फिल्म इंडस्ट्री एक संस्था है, यहां की कमियों को लेकर हमें सवाल उठाने का पूरा अधिकार है. बुद्धिजीवियों और उदारवादियों को तो बिल्कुल आवाज उठानी चाहिए. जो लोग सरकार पर सवाल उठा रहे हैं उन्हें सबसे पहले फिल्म इंडस्ट्री की खामियों पर बात करनी चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि वो रोजी-रोटी यही से कमा रहे हैं. मेरे और कंगना के अलावा कौन ऐसा है जिसने इंडस्ट्री पर सवालियां निशान उठाया है. अगर मैं इस पर सवाल उठाता हूं तो मुझे अलग-थलग क्यों किया जाता है?'
करण की फिल्मों पर सवाल
बॉलीवुड में बन रही फिल्मों के बारे में बात करते हुए अग्निहोत्री ने बताया कि करण जौहर की फिल्म ‘स्टूडेंट ऑफ द ईयर’ जैसी कहानियों से देश के युवा खुद को जुड़ा हुआ महसूस नहीं कर पाते है. उनकी रियल लाइफ में ऐसा कुछ नहीं होता. देश की सड़कों पर क्या ऐसे युवा आपको दिखाई देते हैं? ऐसा युवा आपको सिर्फ फिल्मों में दिखाई देंगे।'
जब मैंने फिल्म दीवार देखी थी तो मैं इससे तुरंत रिलेट हो गया था। मैंने फिल्म में अमिताभ बच्चन को देखा तो लगा कि हां, ये कैरेक्टर जो प्रॉब्लम फेस कर रहा है, शायद रियल लाइफ में मैं भी फील कर रहा हूं. आज फिल्मों और रियल लाइफ में कोई संबंध नहीं रह गया है.'शायद यही वजह है कि लोग इन फिल्मों से कनेक्ट नहीं हो पा रहे हैं और ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फेल है.
फिल्मों में ओवर एक्सपोजर और वल्गैरिटी बढ़ रही हैं- अग्निहोत्री
विवेक अग्निहोत्री हाल ही में सुधीर मिश्रा के साथ एक पॉडकास्ट में शामिल हुए. जहां उन्होंने कहा कि , 'मैं मिडिल फैमिली में अपनी आत्मा पाता हूं. आज जब मैं औरतों से बात करता हूं तो वे कहती हैं कि फिल्मों में ओवर एक्सपोजर और वल्गैरिटी ज्यादा बढ़ गई है, उन्हें ऐसे कंटेंट और फिल्मों से दिक्कत है। वे ऐसी फिल्मों से इरिटेट हो गए हैं.
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