टीएनपी डेस्क(TNP DESK): रणवीर सिंह स्टारर सर्कस आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. रोहित शेट्टी द्वारा निर्देशित, फिल्म में पूजा हेगड़े, जैकलीन फर्नांडीज और वरुण शर्मा सहित कलाकारों की टुकड़ी है. रणवीर सिंह और रोहित शेट्टी सर्कस के साथ 60 के दशक को वापस लाते हैं, लेकिन उनका प्रयास कैसा रहा? चलिए इसके बारे में जानते हैं.
फिल्म की कहानी
विलियम शेक्सपियर के प्रसिद्ध उपन्यास कॉमेडी ऑफ एरर्स से शिथिल रूप से प्रेरित, समान जुड़वां बच्चों के दो जोड़े क्रमशः ऊटी और बैंगलोर में रहने वाले दो अलग-अलग परिवारों द्वारा अपनाए जाते हैं. बाल गृह के केयरटेकर द्वारा एक प्रयोग के रूप में दिए गए जुड़वा बच्चों के जोड़े को जन्म के समय अलग कर दिया जाता है. दोनों जोड़ियों के बच्चों का नाम रॉय और जॉय है, जिसमें रणवीर सिंह और वरुण शर्मा दो जुड़वे भाइयों की दोहरी भूमिका निभा रहे हैं.
ऊटी वाले रॉय को लगता है कि जब भी वह सर्कस में एक लाइव तार के साथ प्रदर्शन करता है, तो उसके पास किसी भी करंट को महसूस नहीं करने की महाशक्ति होती है, वहीं बैंगलोर रॉय द्वारा बिजली के झटके महसूस किए जाते हैं. कहानी आगे बढ़ती है और जब दोनों अभिनेताओं के जुड़वा एक ही शहर में आ जाते हैं तो जो भ्रम पैदा होता है, वह सर्कस की कथा का रूप है.
दर्शकों कों बांधने में कामयाब नहीं रही फिल्म
सर्कस के पहले हाफ में इसके सभी कलाकारों का परिचय शामिल है. फिल्म ऊटी वाले रॉय और जॉय 1 के अपने परिवार के साथ खुशी से रहने के साथ शुरू होती है, जब एक दुर्घटना के दौरान, उन्हें पता चलता है कि रॉय के पास बिजली के तार के संपर्क में आने पर भी कोई करंट महसूस नहीं करने की विशेष शक्ति है. वहीं दूसरे शहर में रहने वाले रॉय और जॉय 2 को एहसास होता है कि रॉय को उसी समय में सभी करंट को महसूस होता है.
रणवीर सिंह एक बार फिर बिल्कुल अलग अवतार में नजर आ रहे हैं. मगर, फिल्म की पटकथा बहुत ही कमजोर लिखी गई है, जिसमें केवल वरुण शर्मा और सिद्धार्थ जाधव का अभिनय ही अलग है. ऐसी कई पंचलाइन या तारकीय लाइनें नहीं हैं जो आपको अपनी सीटों से बांधे रखती हैं, बल्कि सपाट कहानी आपको इंटरवल के लिए बेसब्री से इंतजार कराती है. दीपिका पादुकोण का विशेष सॉन्ग भी फिल्म में सही नहीं लगता है.
सर्कस का दूसरा भाग पहले हाफ से ज्यादा अच्छा है. दूसरा हाफ फिल्म के क्लाइमैक्स तक दर्शकों को बांधने में कुछ हद तक कामयाब रहता है. रोहित शेट्टी थोड़ा भ्रम पैदा करने में अपना समय लेते हैं. मगर, ये फिल्म के लिए काम नहीं करती है. और फिल्म की सॉफ्ट कॉमेडी भी ज्यादा दर्शकों को हंसाने में ज्यादा काम नहीं आती.
कैसा रहा फिल्म में कलाकारों का प्रदर्शन
रॉय 1 और रॉय 2 की दोहरी भूमिका में रणवीर सिंह प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे हैं. दुर्भाग्य से, प्रदर्शन के पावरहाउस को फिल्म में सबसे कमजोर चरित्र कथा दी गई है और बाकी कलाकारों द्वारा इसे आसानी से मात दी गई है. वरुण शर्मा को समय-समय पर कॉमिक लाइनें मिलती रहती हैं, लेकिन ऐसे महान दिग्गज अभिनेताओं के बीच, फुकरे स्टार अपना सर्वोत्कृष्ट जादू बनाने में विफल रहते हैं. सिद्धार्थ जाधव अपनी धमाकेदार लाइन्स और परफॉर्मेंस से सुर्खियां बटोरते हैं. अभिनेता हर बार स्क्रीन पर दिखाई देने पर आपको हंसाने में कामयाब रहे. संजय मिश्रा, मुकेश तिवारी और अनिल चटर्जी स्क्रीन पर अपना सदाबहार कॉमेडी जादू बिखेरते हैं और देखने लायक होते हैं. कुल मिलाकर सर्कस निस्संदेह रणवीर सिंह और रोहित शेट्टी के सबसे कमजोर कामों में से एक है.
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