टीएनपी डेस्क(TNP DESK): केरल की पृष्ठभूमि से जुड़ी धर्म परिवर्तन पर बनी सनसनीखेज फिल्म 'द केरल स्टोरी' पर प्रतिबंध के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्देश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की ममता सरकार के इस तर्क को नहीं माना कि इस फिल्म के राज्य में दिखाए जाने से कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ेगी. पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने इसी आधार पर राज्य में 'द केरल स्टोरी' के प्रदर्शन पर रोक लगा दिया था.
कोर्ट ने यह कहा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखना राज्य सरकार का काम है और इसकी आड़ में किसी फिल्म पर पाबंदी लगाना उचित नहीं है. ऐसे में तो सारी फिल्मों को किसी न किसी आधार पर बैन किया जा सकता है. भारत के मुख्य न्यायाधीश ने फिल्म मेकर्स से कहा है कि फिल्म के डिस्क्लेमर में यह लाइन लिखें- धर्म बदलने वाले लोगों का आंकड़ा 32000 या कुछ और, इस फैक्ट की ऑथेंटिक डाटा मौजूद नहीं है. फिल्म की कहानी काल्पनिक विषय पर आधारित है'. यह डिस्क्लेमर 20 मई, 2023 को शाम 5 बजे से पहले तक जोड़ दिया जाना चाहिए. उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में तो सरकार ने इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दिया था. वहीं तमिलनाडु में थिएटर ऑनर्स ने इस फिल्म को बैन कर दिया था. अब सुप्रीम कोर्ट समर वेकेशन के बाद 18 जुलाई को इस मामले की सुनवाई करेगा कि कोलकाता और मद्रास हाई कोर्ट ने इस फिल्म पर किस आधार पर दखल देने से इनकार किया था. उल्लेखनीय है कि दोनों हाई कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप से इनकार किया था. पश्चिम बंगाल में भी अब इस फिल्म का प्रदर्शन हो सकेगा.
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