रांची(RANCHI): धनबाद जेल में गैंगस्टर अमन सिंह की हत्या कर दी गई.अमन सिंह को सात गोली मारी गई है. लेकिन एक बड़ा सवाल यहां खड़ा हो रहा है कि आखिर जेल के अंदर हथियार कैसे पहुंच गया. क्या इस पूरे वारदात को अंजाम देने में जेल प्रशासन की भी तो मिली भगत नहीं है ! जेल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम होते है. कई घेरे की सुरक्षा रहती है लेकिन इन सब के बीच हथियार अंदर चला जाना अपने आप में कई सवाल छोड़ रहा है. जब जेल के अंदर पुलिस सुरक्षा के इंतजाम में फेल साबित हुई है. तो अब कोयलंचल के लोगों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही मानी जाएगी है.
अमन सिंह कई वारदातों को दे चुका है अंजाम
अमन सिंह कई वारदातों को अंजाम देने वाला एक बड़ा गैंगस्टर था. जेल में रहने के बावजूद इसने कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दे चुका है. इस बात का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते है कि अमन सिंह के उपर बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारा के जेलर की हत्या करने की साजिश रचने का भी आरोप लगा था. इसके साथ ही अमन सिंह के ऊपर धनबाद के पूर्व डिप्टी औऱ वर्तमान झरिया से विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के पति नीरज सिंह को गोलियो से भूनने का आरोप लगा था. लेकिन इन सब के बीच जब जेल में हत्या की साजिश रची जाए हथियार पहुंच जाए और किसी भी अधिकारी को खबर ना हो यह अपने आप में सोचने वाली बात है. आखिर जेल के तमाम अधिकारी कर क्या रहे थे.
जेल में लगे सीसीटीवी का क्या काम
जेल में CCTV कैमरा लगा रहता है. इससे भी पूरे जेल में क्या गतिविधि चल रही है इसकी मोनेटरिंग की जाती है. सुरक्षा प्रहरी 24 घंटे मुस्तैद रहते है.कोई जेल में किसी से मिलने जाता है तो इसकी भी गहन जांच की जाती है. मेटल डिटेक्टर से लेकर पूरी तलाशी सुरक्षा कर्मी लेते है. लेकिन इस हत्या ने सवाल खड़ा कर दिया क्या जेल प्रशासन की मिली भगत से हत्या कराई गई है ! बहरहाल अब मामले की जांच के बाद ही यह स्पष्ट होगा की इस हत्या के पिछे किसका हाथ है.
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