दुमका (DUMKA): कहते है नशा नाश का कारण है, यह जानते सभी है लेकिन मानते बहुत कम लोग है. नशा की गिरफ्त में आया इंसान हैवान बन जाता है और उसकी हैवानियत के किस्से पलक झपकते दूर तलक फैल जाती है.
मेरठ का सौरभ हत्याकांड है चर्चा में
मेरठ का सौरभ हत्या कांड इसका ताजा उदाहरण है. कैसे मुस्कान ने पति को नींद की दवाई खिलाकर नींद की आगोश में सुलाई फिर खुद भी नशे में टल्ली होकर प्रेमी साहिल के साथ मिलकर पति को मौत की नींद में सुला दी. नशे की गिरफ्त में आकर मुस्कान ने क्रूरता की तमाम हदें पार कर दी जिसे सुनकर किसी के भी रोंगटे खड़े हो जाए.
गोड्डा के यश की दुमका में 6 मार्च को हुई थी हत्या, 16 मार्च को बरामद हुआ था शव
झारखंड की उपराजधानी दुमका में भी एक हत्या हुई. मृतक और हत्यारोपी सभी नाबालिग है, इस वजह से बहुत कुछ बातें आधिकारिक रूप से मीडिया के सामने नहीं आ पाई, लेकिन विश्वस्त सूत्रों की माने तो यहां भी आरोपी ने क्रूरता की तमाम हदें पार कर दी. दरअसल गोड्डा जिला के चपरासी मोहल्ला का यश चौधरी 6 मार्च को अपने एक नाबालिग दोस्त के साथ दुमका आया था. दुमका में अपने एक दोस्त के साथ मिलकर खूंटा बांध में पार्टी किया. टीन एजर्स की पार्टी में तीनों दोस्तों ने जमकर नशा का सेवन किया. इसी दौरान किसी बात को लेकर यश की तकरार अपने दोस्तों के साथ हो गई. तकरार गाली गलौज होते हुए मारपीट तक पहुंच गई. दोनों किशोर ने मिलकर यश की बेरहमी से हत्या कर शव को खूंटा बांध स्थित एक खंडहर में छिपा दिया. 10 दिन बाद 16 मार्च को पुलिस ने शव बरामद किया. उस वक्त शव की पहचान नहीं हो पाई.
पुलिसिया अनुसंधान में आया चौंकाने वाला तथ्य
शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने अनुसंधान शुरू किया और एक ब्लाइंड मर्डर केस का उद्भेदन किया. पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल दोनों किशोर को निरुद्ध किया. प्रेस वार्ता के दौरान एसपी पीतांबर सिंह खेरवार ने हत्या की वजह नशा और पार्टी को बताई.
नशे में किशोर ने पार की क्रूरता की तमाम हदें, हत्या के बाद निकाली आंखें
दो किशोर ने मिलकर तीसरे किशोर को मौत की आगोश में सुला दिया. सूत्रों की माने तो दोनों किशोर ने क्रूरता की तमाम हदें पार कर दी. ईंट से कूच कर हत्या की. शव को खंडहर में छिपाया. मरने के बाद यश की एक आंख निकाल ली जबकि दूसरी आंख फोड़ डाला. एक आरोपी तो नशे में इस कदर टल्ली हो गया कि रात भर शव के बगल में सोया रहा।.
किशोर तक कैसे पहुंचता है नशा का समान, प्रशासनिक दबिश में हुआ खुलासा
बहरहाल, पार्टी और हत्या के बीच बात जब नशा तक पहुंची तो प्रशासन चौकन्ना हुई. नाबालिग को नशा का समान कैसे मिला यह अहम सवाल था. यह भी जानकारी मिली कि मेडिकल स्टोर पर मिलने वाली प्रतिबंधित दवा को किशोर ने नशा के लिए उपयोग में लाया. इसके बाद प्रशासन सक्रिय हुई. नशा के कारोबार करने वालों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू हुई. मोरटंगा केवट पाड़ा में गांजा की बिक्री में पिता पुत्र को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. एसडीओ कौशल कुमार के नेतृत्व में टीम गठित कर मेडिकल स्टोर में ताबड़तोड़ छापेमारी की गई. दुधानी चौक के पास संचालित ज्योति, संध्या और सना मेडिकल हॉल में काफी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सिरप और टैबलेट बरामद किया गया. टीम द्वारा प्रतिबंधित कफ सिरप और टैबलेट जप्त करने के बाद तीनों मेडिकल हॉल को सील करने का आदेश दिया गया. इस मामले में दो लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में भी लिया गया है.
राह भटके युवाओं को मुख्य धारा में लाना है उद्देश्य: एसडीओ
इस बाबत एसडीओ कौशल कुमार ने कहा कि दुमका में लगातार शिकायत मिल रही थी कि बड़े पैमाने पर प्रतिबंधित दवा की बिक्री हो रही है. शिकायत के आलोक में एसडीपीओ विजय कुमार महतो और असिस्टेंट डायरेक्टर ड्रग उत्कल मनी के साथ संयुक्त रूप से छापेमारी की गई. मेडिकल स्टोर से जप्त दवाई बगैर डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के नहीं देना है, इसके बावजूद शिकायत थी कि मेडिकल हॉल में प्रतिबंधित दवा की बिक्री बगैर डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के की जा रही है. जिसका इस्तेमाल युवा पीढ़ी नशे के रूप में करते हैं. उन्होंने कहा कि इसका मकसद नशा के आदी हो चुके युवाओं को एक बार फिर से मुख्य धारा में लाना है.
नींद की दवा का हो रहा है दुरुपयोग: असिस्टेंट डायरेक्टर ड्रग
वही असिस्टेंट डायरेक्टर ड्रग उत्कल मणि ने कहा कि कोई भी दवा मेडिकल हॉल से बगैर डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के नहीं देना है लेकिन यहां तो प्रतिबंधित दवा की भी धड़ल्ले से बिक्री हो रही थी. उन्होंने बताया कि प्रावधान के अनुरूप होलसेल दुकानदार रिटेलर को दवा उपलब्ध कराएंगे ना कि मरीज को. वही रिटेलर मरीज को दवा तभी देंगे जब डॉक्टर का प्रिस्क्रिप्शन साथ हो. उन्होंने कहा कि कोडिंग मिश्रित कफ सिरप और अल्प्राजोलम टेबलेट का इस्तेमाल नशा के रूप में किया जाने लगा है, जो इस दवाई का दुरुपयोग है. यह ऐसा नशा है जिसका आदी बहुत जल्द लोग हो जाते हैं.
प्रशासनिक कार्रवाई से नशा के सौदागरों में मचा हड़कंप
सच पूछा जाए तो नशा के खिलाफ जिला प्रशासन पूरी तरह रंग में दिख रही है. प्रशासन की इस कार्रवाई से नशा के अवैध कारोबार करने वालों में हड़कंप मच गया है. लेकिन जरूरत है इस तरह की कार्रवाई आगे भी जारी रखने की तभी नशा के अवैध कारोबार पर अंकुश लग सकेगा.
रिपोर्ट: पंचम झा
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