टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-बिछड़ना, बिखरना और बिसरना ये शब्द है, जो आपको दर्द और तड़प के सिवा कुछ नहीं देते है. ये तो तब सबसे ज्यादा तकलीफदेह साबित हो जाता है. जब एक उम्र निकल गई हो, या फिर जिंदगी एक पड़ाव के बाद अहिस्ते-अहिस्ते इत्मिनान खोजती हो . लेकिन, दूरियां, दर्द औऱ दरम्यान जिंदगी मनमुताबिक जीने नहीं देता . ऐसा ही कुछ मशहूर कपड़ों के ब्रांड रेमंड के मालिक गौतम सिंघानियां के जिवन में आए हुए हैं. जहां उनकी पारिवारिक जिंदगी में ऐसा बवंडर मचा हुआ है. जहां सबकुछ बिखर स गया है. जिसे लगता है समेटने में अभी समय लेगागा.
32 साल बाद बीवी से अलगाव
ये सोचने में भी बेहद असहज लगता है कि आठ साल अफेयर औऱ 32 साल शादी के हो जाने के बाद. कोई इंसान हमेशा के लिए फासले की लकीर खींच दे, जिसे लांघन ही मुश्किल हो. रेमंड ब्रेंड के मालिक गौतम सिंघानियां ने अपनी बीवी से तीन दशक से ज्यादा पुराना रिश्ता तोड़ दिया. आश्चर्य तो तब होता है कि चालिस साल तक जो भावनाएं, संवेदनाए और रिश्ता हंसी-खुशी मजबूती के साथ खड़ा रहा, अचानक वो कैसे उखड़कर बेजार हो गया. कारोबारी जगत से लेकर आम आवाम तक, इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाए और शिगूफाएं छोड़ रहे हैं. सवाल सिर उठा रहे है कि, आखिर गौतम और वाइफ नवाज मोदी के बीच क्या बाते हो गई कि एक बसा हुआ परिवार कुछ पलो में ही उजड़ गया. हालांकि, हकीकत ज्यादा दिन ओझल नहीं रहती, दिवाली के दिन दुनिया को गौतम सिंघानियां की असलियत सामने आ गई. ठाणे स्थित रेमंड स्टेट में दिवाली पार्टी का आयोजन किया गया था. पार्टी में शरीक होने के लिए पत्नी नवाज रेमंड स्टेट पहुंची थी. लेकिन, सुरक्षाकर्मियों ने बड़ी बेआबरू करके रोक दिया. इस बदतमिजी के बाद गुस्से से लाल नवाज मोदी वही बाहर जमीन पर बैठ गई. हालांकि, बकझक और कहासुनी चलती रही. इसी का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो गया, तब मालूम पड़ा की असली माजरा क्या है.हालांकि, 13 तारीख को उद्योगपति गौतम सिंघानियां ने अपनी पत्नी से अलग होने का एलान कर दिया. 1999 में सॉलिसिटर नादिर मोदी की बेटी नवाज मोदी से परिणय के सूत्र में बंधे थे.
पिता को बेघर कर चुकें हैं गौतम सिंघानियां
पत्नी से किनारा करने वला गौतम सिंघानियां की जिंदगी में पारिवारिक रिश्तों की डोर नाजुक ही रही है. उनकी नजर में इसकी उतनी अहमियत नहीं, जितनी दौलत की रही है. पिता विजयपति सिंघानियां से भी उनकी नहीं बनीं. अपने बुजुर्ग बाप को घर से बेदखल कर दिया. हालात एक बेबस पिता कि ये हो गयी कि किराये के आशियाने में बाकी उम्र गुजारनी पड़ रही है. जिस संतान को अपनी खून-पसीने की कमाई से खड़ी की 12 हजार करोड़ के कारोबार का मालिक बनाया है. उसने ही जिंदगी के आखिरी मोड़ पर छोड़कर अंतहीन दर्द दे गया. गाड़ी औऱ ड्राइवर तक छीन ली, नौबत विजयपत सिंघानियां की मुंबई की सड़कों पर पैदल चलने तक आन पड़ी थी. उन्होंने पुत्र मोह में तो सबकुछ दे दिया, लेकिन, उसी बेटे ने एक फ्लैट को बेचने के फैसले को लेकर उनके साथ वादाखिलाफी कर विवाद को जन्म दिया. इसके बाद तो रिश्ते-मर्यादा सब सड़क पर आ गये औऱ वो सबकुछ हुआ जो एक बेटे को बाप के साथ नहीं करना चाहिए था.
रिश्ते संभालने में नाकाम रहा है सिंघानियां परिवार
ऐसा नहीं है कि गौतम सिंघानियां ही रिश्ते को सहेजकर रखने में नाकाम रहे, बल्कि पति विजयपत सिंघानियां का भी अपने भाईयों के साथ तल्क रिश्ता था. अपने भाईयों के साथ उनकी कभी नहीं बनती थी. दौलत को लेकर विवाद हमेशा सतह पर आ जाता था . भाई अजयपत सिंघानिया के साथ खट्टे रिश्ते तो जगजाहिर थे. उनकी मौत के बाद विजपत सिंघानियां ने उनकी पत्नी और दो बेटों अनंत और अक्षयपत को घर से बाहर कर दिया था. बाद में इन दोनों भतीजों ने अपने हक के लिए चाचा विजयपत सिंघानियां से कानूनी लड़ाई लड़ी.
सिंघानियां परिवार का इतिहास ही अपनों से दूरियों वाला रहा है. चाहे घमासान भाई-भाई , चाचा भतीजे, बाप-बेटे या फिर पति –पत्नी का हो. कपड़े बड़े ब्रांड शुमार रेमंड कंपनी के कर्ता-धर्ता का अपनों से ही नहीं बनती. जहां दौलत के सामने एक परिवार की कोई अहमियत नहीं है. गौतम सिंघानियां और नवाज मोदी का 32 वर्षों के बाद अलगाव इस बात की तस्दीक एकबार फिर कर दी है.
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