औरंगाबाद (AURANGABAD): प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के शीर्षस्थ नेता और पोलित ब्यूरो के सदस्य प्रमोद मिश्रा की गया में गिरफ्तारी के साथ ही नक्सली संगठन द्वारा बदले की कार्रवाई किए जाने का संकेत मिलने लगा है. यह संकेत गिरफ्तारी के बाद ही मिश्रा के गृह जिला औरंगाबाद में देखने को मिला. बताया जाता है कि अति नक्सल प्रभावित देव थाना क्षेत्र के जुड़ी बिगहा के ग्रामीणों ने गांव के बघार में एक बम देखा. बम की खबर के बाद गांव में सनसनी फैल गयी. लोग दहशत में सिहर उठे. ग्रामीणों ने इसकी सूचना देव थाना की पुलिस को दी.
बम जैसी दिख रही चीज निकली मौसम जांच करने वाली डिवाइस
सूचना मिलते ही पुलिस महकमा हरकत में आ गया. सूचना पर देव थाना एएसआई राहुल कुमार, रंजय कुमार, गोविंद कुशवाहा, जितेंद्र चौधरी एवं आतिश सिंह सदल बल मौके पर पहुंचे. मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने इसकी जानकारी सीआरपीएफ की टीम को दी. सीआरपीएफ की टीम के बम निरोधक दस्ते के जवान विपिन कुमार एवं श्याम सुंदर कुमार भी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. टीम ने काम करना शुरू किया. सुरक्षा के लिहाज से पूरे इलाके की घेराबंदी कर चप्पा-चप्पा सर्च किया जाने लगा. बम डिटेक्टिंग यंत्र से जांच की जाने लगी. लेकिन जांच में बम जैसी दिख रही चीज मौसम विभाग द्वारा जांच करने वाली डिवाइस निकली. इसके बाद ग्रामीणों से लेकर पुलिस महकमें तक के लोगो ने राहत की सांस ली.
इलाके में फैल गया था दहशत का माहौल
बता दें कि जब तक यह पता नहीं चला था कि यह मौसम बताने वाला यंत्र है तब तक गांव में दहशत का माहौल बना रहा. हालांकि नक्सलियों द्वारा नकली बम लगाकर पुलिस को परेशान करने और भरमाने का यह कोई पहला मौका नही है. इसके पहले भी नक्सली इलाकें में इस तरह का काम करते रहे है. जब कभी नक्सलियों ने इस तरह की गतिविधियां की है. उसके बाद बड़ी घटना को अंजाम दिया है. ऐसे में शीर्षस्थ माओवादी नेता प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद नक्सलियों की इस तरह की गतिविधि को खतरे का संकेत के साथ ही किसी बड़ी घटना को अंजाम देने का प्री ट्रायल भी माना जा सकता है.
नक्सलियों की कार्यशैली भी इस बात का संकेत करती रही है कि जब भी पुलिस ने किसी बड़े माओवादी नेता पर हाथ डाला है. तब-तब नक्सलियों ने बदले की कार्रवाई में किसी बड़ी घटना को अंजाम दिया है. इस घटना को इलाके में प्रमोद मिश्रा की गिरफ्तारी से भी जोड़कर देखा जा रहा है. क्योकि मिश्रा माओवादियों के टॉप लीडर है. ऐसे में पुलिस को इलाके में शांति बनाए रखने के लिए एहतियात बरतने और लगातार सर्च ऑपरेशन चलाते रहने की जरुरत है.
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