पटना (PATNA) : I.N.D.I.A गठबंधन की बैठक 31अगस्त को मुंबई में होनी है. इस बैठक से पहले विपक्षी पार्टियों का जुटान पटना और बेंगलुरु में होने लगा है. जिसे देखते हुए सियासत का पारा भी काफी बढ़ गया है. वहीं इस बात की चर्चा भी काफी तेज हो गई है कि नीतीश कुमार को क्या संयोजक बनाया जाएगा ? लेकिन इस सब के बीच नीतीश कुमार ने साफ तौर पर यह कह दिया है कि उन्हें कुछ नहीं बनना है. उन्होंने कहा है कि उनका मकसद केवल सबकों एकजुट कर एक मंच पर लाना है. वहीं दूसरी ओर बिहार में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने विपक्षी एकता को लेकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि आज लालू यादव की पार्टी RJD के पास 1 भी एमपी नहीं है लेकिन वे प्रधानमंत्री तय करने गए है. साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तीखा हमला किया है.
RJD के पास 1 भी MP नहीं और तय करने गए हैं प्रधानमंत्री
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा कि आज बिहार देश का सबसे गरीब राज्य है. लेकिन नीतीश कुमार का अहंकार है सबसे बड़ा. साथ ही लालू यादव पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज के समय में RJD के पास एक भी एमपी नहीं है, लेकिन वे प्रधानमंत्री से नीचे की बात ही नहीं करते है और भारत का प्रधानमंत्री कौन होगा वो ये तय कर रहे है. देश में बिहार सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य है. लेकिन नीतीश कुमार बात ऐसे करते है जैसे उन्होंने बिहार को अमेरिका बना दिया है.
अंधेरी नगरी में काना राजा जैसी हो गई है नीतीश कुमार की हालत
वहीं दूसरी ओर नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पढ़े-लिखे व्यक्ति हैं मगर आज उनकी हालत अंधेरी नगरी में काना राजा जैसी हो गई है. वह अपने आप को बिहार का एकमात्र पढ़े लिखे व्यक्ति हैं. और विपक्षी एकता की बैठक में नीतीश कुमार खुद की दावेदारी सुनिश्चित करना चाह रहे है. लेकिन हालात तो यह है कि उनकी अपनी हालत बहुत खराब है. जिसे अपने राज्य में चुनाव जीतने का ठिकाना नहीं है,वो देश के स्तर पर भला क्या करेंगे. अगर आप दूसरे राज्यों में देखे जहा भाजपा की सरकार नहीं है, वहां सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस है. उसके बाद तृणमूल और डीएमके है. जो पूरे राज्य जीतकर बैठे है और वे अपने राज्य में जीतने का दावा भी करते है. लेकिन वहीं बात अगर नीतीश कुमार की करे तो उनके पास ना तो खुद की पार्टी है औऱ ना ही अपने नेता बचे है. हालात तो यह है कि बिहार में भी उनके बारे में कोई चर्चा नहीं करता तो वो अपने आप को विपक्षी पार्टिय के संयोजक कैसे बनाए जा सकते है.
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