भागलपुर (BHAGALPUR) : बिहार के भागलपुर में सरकारी स्कूलों की तस्वीर बदलने की एक खास पल की जा रही है. जहां शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवता में सुधार लाने के लिए कई नई पहल की जा रही हैं. जिसके तहत शिक्षा विभाग के अधिकारी जिले के कमजोर स्कूलों को गोद लेंगे. यानी जिन स्कूलों की स्थिति ठीक नहीं है ऐसे स्कूल पर खास ध्यान दिया जाएगा. ताकि उसमें एक बेहतर सुधार लाया जा सके. वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है.
गोद लेने का फरमान जारी
जिले के डीईओ, बीईओ, बीआरसी, बीआरपी व अन्य विभागीय अधिकारी द्वारा ये खास पहल ली गई है. शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस सुधार की प्रक्रिया को लेकर कवायद शुरू हो चुकी है. इसको लेकर चिट्ठी जारी की गई है. इस बार जिला शिक्षा पदाधिकारी को स्कूलों को गोद लेने का फरमान जारी किया गया था. इसको लेकर डीईओ संजय कुमार ने बताया कि हमलोग इसको लेकर तैयारी कर रहें हैं. उन्होंने बताया कि जिले के 5 दियारा क्षेत्र एवं ग्रामीण स्कूल को गोद लिया जाएगा.
बच्चों को सिखाई जाएगी अलग एक्टिविटी
भागलपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार ने बताया कि हमलोग गांव के ही स्कूलों को गोद लेंगे. खास कर वैसे स्कूल जिसमें बच्चों की उपस्थिति कम हो. वैसे स्कूलों में बच्चे के उपस्थिति को कैसे बढ़ाया जाए इस पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. वहीं उन्होंने बताया कि बच्चों को अलग एक्टिविटी भी सिखाई जाएगी. उन्होंने बताया कि बच्चों को जरूरत है खेल खेल में शिक्षा देने की. सबसे ज्यादा अगर किसी चीज पर ध्यान देना है तो वह है कि शिक्षा बेहतर कैसे हो. साथ ही उन्होंने कहा कि हम लोगों की कोशिश है विद्यालयों में मैदान हो ताकि बच्चे खेल को भी सीख सकें. उन्होंने बताया कि दियारा इलाके के स्कूलों को हमलोग गोद लेने के लिए सोच रहे हैं. खासकर वैसे स्कूलों को गोद लेने के बाद वहां के बच्चे पढ़ाई में अव्वल आ सकेंगे.क्योंकि इन सब क्षेत्र के बच्चे स्कूल नहीं जाते हैं,
बच्चों के लिए ये काफी लाभदायक
शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि कई बार हम लोग जिला में कार्यक्रम करते हैं. उसमें इन सब जगह के बच्चे भाग भी नहीं लेते हैं. अलग-अलग एक्टिविटीज को सीखना भी बच्चों के लिए काफी लाभदायक होता है. आगे चलकर उन्हें अपने भविष्य को उज्जवल बनाने में मदद करता है. उन चीजों पर भी विशेष ध्यान रखा जाएगा. इसमें नवगछिया, पीरपैंती, कहलगांव जैसे दियारा इलाकों में पड़ने वाले स्कूलों को गोद लेने पर विचार किया जा रहा है.
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