पटना (PATNA) : बिहार के मुख्यमंत्री खुद अब सुधार अभियान चलाते दिख रहे हैं. जिसके तहत अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सप्ताह के पांच दिन सचिवालय में बैठेंगे और वह भी तय समय यानी सुबह के 9:30 बजे से. दरअसल सरकारी बाबू ,अफसर की लेटलतीफी की शिकायत मुख्यमंत्री तक लगातार पहुंच रही थी. जिसे लेकर वो जांच करने पहुंचे. बता दें कि बिहार सरकार के दो सचिवालय हैं. एक पुराना सचिवालय, जिसे घंटाघर सचिवालय भी कहते हैं, जहां मुख्यमंत्री का सरकारी कार्यालय है और दूसरा विकास भवन जिसे नया सचिवालय कहा जाता है. अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीन दिन पुराने सचिवालय में और 2 दिन नया सचिवालय विकास भवन में अधिकारियों के बीच बैठेंगे.
सीएम ने अधिकारियों की ली खोज खबर
दरअसल सचिवालय में सरकारी कार्य संस्कृति पूरी तरह से चरमरा गई है. यहां के बाबू, अफसर यहां तक की आईएएस अधिकारी भी ना तो समय से दफ्तर आते हैं और ना ही अपने दफ्तर में टिकते हैं. बिहार सरकार के सचिवालय के बारे में कहा जाता रहा है कि 12 बजे लेट नहीं और 2 बजे भेंट नहीं. आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ठीक 9:30 बजे पुराने सचिवालय पहुंच गए और हर कमरे में पहुंचकर अधिकारियों की खोज खबर ली.
मुख्यमंत्री कार्यालय से करेंगे काम शुरू
नीतीश कुमार के बाबू लोग समय से ऑफिस नहीं आते हैं. लिहाजा अब उन्होंने तय किया है की ठीक समय पर वह सप्ताह के 5 दिन सचिवालय में पहुंच जाएंगे.सबका जायजा लेने के बाद ही वह मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय से अपना काम शुरू करेंगे. पिछले कुछ वर्षों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक अणे मार्ग स्थित अपने निवास स्थान में मुख्यमंत्री कार्यालय से ही काम करते रहे हैं.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही 2008 में सरकारी कार्यालय के शुरू होने का समय 9:30 बजे तय किया था, खुद मुख्यमंत्री भी पुराने सचिवालय स्थित अपने कक्ष में 2013 तक बैठते रहे हैं लेकिन बाद के दिनों में मुख्यमंत्री आवास से ही मुख्यमंत्री कार्यालय संचालित हो रहा है.
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