बिहार में प्रशासनिक सुधार को नई रफ्तार: मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना के लिए BPSM और IIM बोधगया ने किया बड़ा समझौता


पटना (PATNA): बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन (BPSM) और भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) बोधगया के बीच आज एक अहम समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए. मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में हुए इस कार्यक्रम के साथ मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना औपचारिक रूप से अगले चरण में प्रवेश कर गई. इस योजना का उद्देश्य बिहार में प्रशासनिक सुधार, क्षमता निर्माण, नवाचार और पारदर्शिता को नए स्तर पर ले जाना है.
कार्यक्रम की शुरुआत सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव द्वारा की गई. मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि यह MOU प्रशासनिक तंत्र को मजबूत करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा. उनके अनुसार, इस योजना से युवा और अनुभवी विशेषज्ञों को शासन प्रणाली से जोड़कर नीति निर्माण और निर्णय प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाया जाएगा. यह योजना 9 सितंबर 2025 को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अब मैदान में उतरने को तैयार है. MOU की अवधि तीन वर्षों की होगी, जिसे आगे दो-दो वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकेगा.
मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना की प्रमुख बातें
इस योजना के तहत राज्य में विभिन्न विभागों और जिलों में दो वर्षों के लिए विषय विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाएगी. चयनित फेलो सीधे सरकारी कार्यालयों में नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में सहयोग करेंगे. उन्हें मासिक मानदेय भी दिया जाएगा और सफल कार्यकाल के बाद IIM बोधगया की ओर से पब्लिक पॉलिसी और गुड गवर्नेंस में प्रमाणपत्र मिलेगा. यह योजना बिहार के स्थानीय युवाओं के लिए होगी और आरक्षण नियमों का पालन किया जाएगा. IIM बोधगया दिसंबर 2025 से फेलोशिप के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेगा.
वरिष्ठ अधिकारियों का बयान
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की सचिव डॉ. प्रतिमा ने कहा कि यह कार्यक्रम बिहार के युवाओं को शासन प्रणाली को समझने और नीति निर्माण में सहभागी बनने का अनूठा अवसर देगा.
IIM बोधगया की निदेशक डॉ. विनिता सहाय ने कहा कि यह पहल बिहार की नई पीढ़ी को राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाएगी.
कार्यक्रम के अंत में मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि यह योजना बिहार के प्रशासनिक ढांचे को नई ऊर्जा देगी. अगले वर्ष अप्रैल से चयनित फेलो राज्य सरकार के साथ काम शुरू करेंगे, जिससे प्रशासन में नवाचार और दक्षता को बढ़ावा मिलेगा.
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