मुजफ्फरपुर(MUJAFFARPUR):बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एमआईटी के छात्र ने सीएसपी संचालक से लाखों रुपए की साइबर ठगी की है. जानकारी के मुताबिक तमाम फ्रॉड एटीएम और सिम से नया यूपीआई बनाकर सीएसपी संचालकों को टारगेट करते थे. मुजफ्फरपुर साइबर थाने की पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ लड़के यूपीआई के माध्यम से सिएसपी संचालकों को रुपया ट्रांसफर कर उनसे नगद ले लेते हैं और बाद में पता चलता है कि वह पैसा फ्रॉड कर उस संचालक के खाता में भेजा गया था.सूचना मिलने के बाद पुलिस ने अपना जाल बिछाया और घटना को अंजाम देने पहुंचे अपराधियों को चर्तुभुज स्थान मोहल्ला से गिरफ्तार कर लिया.
सीएसपी संचालक से लगभग 30 लाख की ठगी
वहीं मामला सामने आने पर पता चला कि साइबर फ्रॉड के तीन शातिर जिले में आधार कार्ड पर लोकल पता बनाकर रहना शुरू कर दिया. साइबर फ्रॉड के पैसे की निकासी के लिए यह अपराधी एटीएम का इस्तेमाल करता थे. दूसरे तरीके में सिम की सहायता से नया यूपीआई कोड बनाकर अवैध पैसे के निकासी करने के लिए एटीएम जाता था, एटीएम में ट्रांजैक्शन लिमिट के बाद जिले के विभिन्न सीएसपी संचालक से मिलकर बीमारी और परिजन बीमार होने की समस्या बताकर उनसे पैसा निकासी कर लेता था. इस तरीके से इन्होंने जिले के सीएसपी संचालक से लगभग 30 लाख रुपए की राशि की अवैध निकासी कर ली.
गिरोह के मास्टरमाइंड को बस कंडक्टर के माध्यम से पैसा पटना भेजा जाता था
वहीं गिरोह के सदस्य गिरोह के मास्टरमाइंड को बस कंडक्टर के माध्यम से पैसा पटना भेज देते थे इसके एवज में इन लोगों को प्रत्येक 1लाख पर 5 हज़ार कमीशन मिलता था.गिरफ्तार शातिर की पहचान आकाश कुमार और फैजान अली के रूप में हुई है, जो एमआईटी के चौथे सेमेस्टर का छात्र है. वही एक अन्य साथी की पहचान राजा कुमार के रूप में हुई है.पूरी जानकारी देते हुए साइबर थाने के इंस्पेक्टर ने बताया कि जिले के सीएसपी संचालक से साइबर फ्रॉड कर 30 लाख की अवध निकासी कर लिया गया. जिसकी सूचना पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी, और मौके पर छापामारी कर इन तीनों लोगों को गिरफ्तार किया है.
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