मुजफ्फरपुर(MUJJAFARPUR): मुजफ्फरपुर के बहुचर्चित किडनी काण्ड की पीड़िता सुनीता को न्याय दिलाने को लेकर एक तरफ लोग बीते एक सप्ताह धरना पर बैठे हुए हैं. लोग परिवार को उचित मुआवजा दिलाने की मांग कर रहे हैं . वहीं दूसरी तरफ इस धरना को लेकर बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री मुरारी गौतम ने बेतुका बयान दे दिया. जिससे बाद लोगों ने आपत्ति जताई है. दरअसल मुरारी गौतम रविदास जयंती कार्यक्रम में शामिल होने सकरा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पीड़िता सुनीता की तुलना लालू से कर डाली. ऐसा कहते हुए उन्होंने कहा कि धरना देने से कुछ नहीं होगा, लालू को किडनी लगवाने के लिए तेजस्वी ने कोई धरना नहीं दिया था. लोग धरना देने के बजाय अगर सुनीता को एक किडनी दे देंगे तो उसकी जान बच जाएगी.
मंत्री के बयान से बवाल
दरअसल जिस जगह पर मंत्री कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे, उससे लगभग 300 मीटर की दूरी पर एक सप्ताह से लोग धरना पर बैठे हुए है, लोगों ने मंत्री से वहां आने की अपील भी की, लेकिन मंत्री मुरारी गौतम ने वहां जाने से पहले मंच से बेतुका बयान दे दिया. वहीं इस बयान से धरने पर बैठे लोग काफी आहत में है.
क्या है पूरा मामला
मुजफ्फरपुर के बरियारपुर बाजी गांव में युटेरस का ऑपरेशन कराने गई सुनीता की प्राइवेट हॉस्पिटल में दोनों किडनी निकाल ली गई थी. सुनीता मुजफ्फरपुर के शुभ कांत क्लीनिक में पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची थी जहां डॉक्टरों ने कहा कि उसका यूट्रस खराब हो गया है और ऑपरेशन करना होगा. फिर सुनीता को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया. ऑपरेशन के बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी थी. इसके बाद परिजन महिला को लेकर पीएमसीए पहुंचे तो जांच में पता चला कि उसकी एक भी किडनी नहीं है. इसके बाद परिजनों ने सुनीता को मुजफ्फरपुर में ले जाकर एसकेएमसीएच में एडमिट कराया, फिर एसकेएमसीएच से बेहतर इलाज के लिए उसे आईजीआईएमएस में रेफर कर दिया गया था. सुनीता कुछ समय आईजीआईएमएस में डायलिसिस पर रही अब उसे दोबारा एसकेएमसीएच भेज दिया गया था जहां वो किडनी मिलने का इंतजार कर रही है. समस्या केवल इलाज की ही नहीं है. सुनिता देवी को फिलहाल डायलिसिस पर रखा गया है जिसके इलाज को लेकर काफी खर्चा है. वही परिवार अब इस पूरे इलाज को लेकर सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.
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