पटना(PATNA):बिहार में शिक्षा विभाग में व्याप्त अफसरशाही और तानाशाही के विरोध में बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की ओर से एक बैठक का आयोजन किया गया. जिसमे बीते दिनों विभाग की ओर से जारी पत्र की चर्चा की गई. वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा विभाग में अफसरशाही और तानाशाही का माहौल है. संवैधानिक तौर पर शिक्षकों को कई अधिकार दिए गए हैं, जसका वर्तमान में हनन हो रहा है.
सरकार की ओर से जारी पत्र के अनुसार शिक्षकों को संगठन बनाने पर रोक लगा दी गई ह
वहीं वक्ताओं ने कहा कि सरकार की ओर से जारी पत्र के अनुसार शिक्षकों को संगठन बनाने पर रोक लगा दी गई है, साथ ही बयान देने पर भी मनाही है, जो सीधे तौर पर संविधान द्वारा जारी अधिकार का हनन है, जबकि संगठन बनाकर अपनी बातों को सरकार तक पहुंचाने का अधिकार सर्वोच्च न्यायालय द्वारा जारी किया जा चुका है.
वर्तमान में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को उनका अपना अधिकार पता नहीं है
वक्ताओं ने आक्रोश प्रकट करते हुए कहा कि पूर्व की सरकार में ऐसा कभी नहीं हुआ. संगठन के माध्यम से ही लोग अपनी समस्याओं और दुख दर्द को सरकार तक पहुंचाने का काम करते हैं.वर्तमान में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को उनका अपना अधिकार पता नहीं है. कई बार ऐसा देखा गया है कि क पाठक द्वारा जारी आदेश को वापस ले लिया गया है. शिक्षा विभाग द्वारा जारी गैर संवैधानिक और तानाशाही आदेश बिहार राज्य विश्वविद्यालय शिक्षक संघ पूरजोर विरोध करता है.
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