टीएनपी डेस्क (Tnp desk):- नीतीश कुमार और जीतन राम मांझी के बीच कैसा रिश्ता रहा है और कैसी उनकी बनती है. ये शायद ही किसी से छुपी हुई है. हाल ही में नीतीश ने बड़ा ही उटपटांग बाते जीतन राम मांझी के बारे में विधानसभा में कह डाली थी. इस बेइज्जती से तिलमिलाएं मांझी ने नीतीश को भी खूब सुनाया था.
नीतीश से मांझी की मांग
लेकिन, अब नीतीश के एनडीए में आने से माहौल बदल गया है. नीतीश कुमार ने बिहार के 9वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. अब उनके कैबिनेट विस्तार का इंतजार है. लाजमी है कि इसे लेकर कुछ किचकिच होगी और बयानबाजियां फिंजा में तेरेगी. ऐसा ही कुछ देखने को मिल रहा है. मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले नीतीश कुमार के सामने जीतन राम मांझी ने बड़ी मांग रख दी है. मांझी ने साफ कहा है कि उनके पास 4 विधायक हैं, और एक एमएलसी है. इस हिसाब से उनको 2 मंत्री चाहिए. मांझी ने तर्क दिया कि नीतीश कुमार तो एक निर्दलीय विधायक को एक मंत्रालय देते हैं, ऐसे में उन्हें भी 2 मंत्री जरूर चाहिए.
दरअसल, देखा जाए तो बीजेपी और जदयू में मंत्री पद के लिए उठा-पटक तो होगी ही . वही, इस सियासी लड़ाई में अब मांझी की पार्टी हम भी तोल-मोल के अपना रास्ता निकाल रही है. ताकि दो मंत्री पद मिल जाए.
जीतन राम मांझी ने क्या कहा
जीतन राम मांझी ने मीडिया को अपने दिए बयान में बताया कि 5 फरवरी को बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार हो जाएगा. उस दिन ही विभागों का बंटवारा हो जाएगा. मांझी ने अपना तर्क देते हुए कहा कि एक निर्दलीय विधायक को एक मंत्रालाय दे रहें है, जबकि हमारे तो चार विधायक और एक एमएलसी हैं.
अपनी मांग को लेकर आतुर मांझी ने ये भी बताया कि इसे लेकर माननीय मुख्यमंत्री से भी बात की है. इसके साथ ही नित्यानंद राय और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी बात की है. उनलोगों ने तो इसे स्वीकार किया है औऱ न ही नकारा है. मांझी ने उम्मीद जताई है कि 2 मंत्रालय उनकी झोली में आयेगा.
बेशक जीतन राम मांझी की अपनी मांग और तर्क है . लेकिन, दूसरी तरफ देखा जाए तो 5 फरवरी को कैबिनेट विस्तार की बात मांझी तो कर रहे हैं. जबकि एनडीए में चर्चा है कि कैबिनेट विस्तार फ्लोर टेस्ट के बाद किया जाएगा. इसके बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार होना है. इसके पीछे की मंशा ये मानी जा रही है कि किसी तरह की कोई नाराजगी नहीं हो और किसी तरह की भीतरी बयानबाजी से परहेज किया जा सके.
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