बिहार(BIHAR): आपने सतयुग की कथाओं में श्रवण कुमार का नाम तो सुना ही होगा, जो अपने माता-पिता को बहंगी में बैठाकर तीर्थ यात्रा करने निकले थे. लेकिन आज हम आपको कलयुग के श्रवण कुमार से मिलाते है, जो बहंगी में अपनी बूढ़ी मां को बैठाकर बाबाधाम की यात्रा करवा रहे है. दरअसल कच्ची कांवड़िया पथ पर अनूठे से अनूठे शिव भक्ति देखने को मिल जाते है. जिनकी भक्ति देख मन से बस यही निकलता है कि भक्त हो तो ऐसा. ऐसा ही एक उदाहरण बाबा धाम में देखने को मिला.
मां को बहंगी में बिठा खगड़िया से निकला
दरअसल खगड़िया जिला निवासी पवन साह बिहारी अपने सहयोगी कैलाश मंडल के सहयोग से अपनी बूढ़ी मां शोभा देवी को बहंगी में बिठा सुल्तानगंज से गंगा जल भर कच्ची कांवरिया पथ होते बाबा बैधनाथ धाम जाते दिखे. जिसे देख हर किसी को श्रवण कुमार की याद आ गई. पवन ने बताया कि वह 21 जुलाई को अपनी मां को बहंगी में बिठा खगड़िया से निकला है. उसने कहा कि कब तक देवघर पहुंच जाए ये कहा नहीं जा सकता.
कोई मन्नत नही मां को जाना था बाबाधाम
पवन शाह ने बताया कि उनकी कोई मन्नत नही मां को बाबाधाम जाना था, लेकिन पैदल वो नहीं चल सकती थी. जिस कारण उसने बहंगी में अपने सहयोगी की मदद से कंधे पर बैठाकर बाबाधाम के लिए निकल पड़ा. वहीं उनकी बहंगी पर बैठी बूढ़ी मां ने कहा कि भगवान करे ऐसा बेटा सभी माता-पिता को दे.
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