पश्चिम चम्पारण(CHAMPARAN): बगहा में इलाके के तालाबों व नहरों में मगरमच्छ के झुंड ने डेरा डाल दिया है. जिसके बाद से इलाके में हड़कंप पैदा हो गई है. जिसके बाद अब रेस्क्यू की टीम वहाँ पहुंची है. वन विभाग की टीम ने दो अलग-अलग जगहों पर विशालकाय मगरमच्छों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया है. बाद में दोनों मगरमच्छ को सुरक्षित गण्डक नदी में छोड़ दिया गया है.
सुरक्षित नदी में छोड़ा गया मगरमच्छ
इसी बीच इंडो नेपाल सीमा पर स्थित वाल्मिकीनगर के चरघरिया गांव स्थित महेश गुप्ता के निजी पोखरा में मगरमच्छ लंबे समय से डेरा डाले लाखों की मछलियां चट कर गया था जब किसान ने जाल बिछाकर मछलियों को पकड़ने की क़वायद शुरू कराया तो मछलियां तालाब से ग़ायब हो गईं थीं औऱ मगरमच्छ मछुआरों के जाल में फंस गया लिहाजा इसकी सूचना वन विभाग की टीम को दी गई और मौक़े पर पहुचीं वन कर्मियों की टीम ने मगरमच्छ को पकड़कर सुरक्षित नदी में छोड़ दिया.
लाखों रुपए की मछलियों को खा गया मगरमच्छ
दूसरी घटना रामपुर स्थित सुभाषनगर की है जहां छेदीलाल प्रसाद मुखिया व लौकरिया के किसान धनंजय सिंह के निजी तालाब में विगत 15 दिनों से डेरा जमाये मगरमच्छ ने लाखों रुपए की मछलियों को खा लिया है. जिसके बाद उसे पकड़ने की क़वायद चल रही थी लेकिन पिछले सप्ताह मगरमच्छ मछुआरों की पकड़ से बाहर निकल गया. लेकिन आज फ़िर किसान ने 3 हज़ार रुपये की ख़र्च पर बुलाये मछुआरों के ज़रिए जाल लगाकर मगरमच्छ को पकड़ने में सफलता हासिल किया है.
मगरमच्छों की तादाद में हुई बढ़ोतरी
घण्टों की मशक्कत के बाद ख़ुद ग्रामीणों ने मगरमच्छ का रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर उसे मदनपुर वन क्षेत्र की टीम के हवाले कर दिया जिसे नारायणी नदी में छोड़ दिया गया है. बता दें कि मगरमच्छों की भारी संख्या अपने देश में चंबल नदी के बाद गण्डक दूसरी बड़ी नदी है जहां मगरमच्छों की तादाद में हुई बढ़ोतरी अब इलाके के लोगों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दिया है .
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