मोतिहारी(MOTIHARI):देश में एक तरफ बाढ़ का कहर जारी है, जिससे हजारों लोग बेघर हो गये, तो वहीं दूसरी ओर बिहार के उत्तरी इलाके में सुखाड़ से लोगों के साथ किसानों का जीवन त्रस्त हो गया है. सुखाड़ का असर सबसे ज्यादा किसानों के खेतों में देखने को मिल रहा है. जहां मोटी-मोटी दरारें फटी हुई है. और अब किसान आसमान में बारिश के लिए टकटकी लगाये ईश्वर से गुहार लगा रहे है.
कम बारिश की वजह से किसान परेशान
मोतिहारी जिले में किसानों का हाल बहुत खराब है. जहां किसानों की केतों में बारिश की कमी की वजह से खेतों में सुखाड़ पड़ गया है. जिसके बाद मुस्लिम समाज के लोग बारिश के लिए मस्जिद में पहुंचकर बारिश विशेष नमाज अदा कर इबादत कर रहे हैं. ताकि अल्लाह की रेहमत से बारिश हो और खेतों फसल फिर से लहराये.
खेतों में सूखा पड़ने से रोपाई की गई धान की फसलें जल रही है
आपको बता दें कि मोतिहारी जिले के 27 प्रखंडों में सूखे की समस्या से की यही स्थिति है. बारिश ना होने से हाहाकार मचा हुआ है. किसान पम्पसेट से अपने खेतों में पानी पटा रहे हैं, बावजूद इसके खेतो में रोपाई की गई धान की फसलें जल रही है, और खेतों में दरारें फट गई है. मौसम विभाग की माने तो फिलहाल बारिश होने का कोई अनुमान भी नहीं है.
सामान्य बारिश से लगभग 74 फीसदी कम हुई बर्षा
वहीं कृषि विभाग के रिपोर्ट के अनुसार अभी तक जुलाई माह में 366 mm सामान्य वर्षा होनी चाहिए थी. जहां महज 92 mm ही वर्षा हुई है. जो सामान्य वर्षापात से लगभग 74 फीसदी कम है. ऐसी परिस्थिति में किसानों के लिए एक तरह से ये प्राकृतिक आपदा साबित हो रहा हैं. बारिश नहीं होने की वजह से किसानों को खेती करने में ज्यादा लागत लग रहा है, जिससे किसान खेती से दूर भाग रहे हैं. वहीं इस पर जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रदेव प्रसाद का कहना है कि अनुमान से वर्षा बहुत कम हुई है. जिसकी वजह से धान की खेती पर असर पड़ रहा है.
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