सीतामढ़ी(SITAMARHI): 15 साल बाद बिहार में होम गार्ड भर्ती परीक्षा ली जा रही है. ऐसे में तय उम्र सीमा से अधिक उम्र वाले अभ्यर्थी भी किसी तरह नौकरी पाने में लगे हैं. ऐसे में शारीरिक दक्षता परीक्षा पास करने के लिए अभ्यर्थी सिंडिकेट का सहारा ले रहे हैं. ऐसे में अभ्यर्थियों से मोटी रकम वसूल कर उनकी जगह किराए के कैंडिडेट को दौड़ समेत अन्य शारीरिक दक्षता परीक्षा में भेजा रहा है. ऐसे ही एक फर्जी अभ्यर्थी को डुमरा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है.
सर्टिफिकेट वैरीफिकेशन के दौरान पकड़ा गया फर्जी अभ्यर्थी
बता दें कि, जिले के डुमरा पुलिस केंद्र में होम गार्ड बहाली के लिए शारीरिक दक्षता परीक्षा आयोजित की गई थी. जिसमें पुलिस ने एक फर्जी अभ्यर्थी को गिरफ्तार किया है, जो दूसरे कैंडिडेट के बदले शारीरिक दक्षता परीक्षा देने पहुंचा था. फर्जी अभ्यर्थी की पहचान भागलपुर जिला के पीरपौती थाना क्षेत्र के दूलदुलिया निवासी संतोष कुमार यादव के रूप में की गई है, जो रुन्नीसैदपुर के मानिक चौक निवासी संतोष कुमार सिंह के नाम पर शारीरिक दक्षता परीक्षा में पहुंचा था. लेकिन, सर्टिफिकेट वैरीफिकेशन और बायोमेट्रिक सत्यापन के दौरान उसे पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया.
सिंडिकेट के उद्भेदन की जांच में जुटी पुलिस
वहीं, पकड़े जाने के बाद पुलिस द्वारा किये जा रहे पुछताछ में खुद को फंसता देख आरोपी भागने की कोशिश करने लगा. हालांकि, बाद में उसे पकड़ लिया गया. पुछताछ के दौरान संतोष यादव ने बताया की भागलपुर जिला के एक युवक द्वारा इस तरह का सिंडिकेट चलाया जा रहा है, जिसने एक लाख रुपया दे कर संतोष कुमार सिंह की जगह शारीरिक दक्षता परीक्षा में भाग लेने के लिए कहा था. इस मामले के खुलासे के बाद पुलिस भागलपुर जिले से इस सिंडिकेट का तार जोड़ कर देख रही है. साथ ही सिंडिकेट के उद्भेदन की जांच में जुट गई है.
बहाली प्रक्रिया के लिए 15 वर्ष पूर्व ही लिया गया था आवेदन
बता दें कि, वर्ष 2009 और 2011 में जिले में गृह रक्षकों की बहाली के लिए विज्ञापन निकाला गया था. इसमें अभ्यर्थियों के लिए आवश्यक योग्यता पांचवीं पास तो आयु सीमा न्यूनतम 19 वर्ष और अधिकतम 40 वर्ष निर्धारित की गई थी. उस वक्त गृहरक्षक के पद पर बहाल होने के लिए बड़ी संख्या में 25 वर्ष से अधिक उम्र के अभ्यर्थियों ने भी आवेदन किया था. जिनकी उम्र अब 40 वर्ष हो गई है. ऐसे में आवेदकों का चयन आसान नहीं है. बहाली प्रक्रिया के लिए आवेदन 15 वर्ष पूर्व ही लिया गया था. लेकिन सरकारी प्रक्रिया में इतनी देर हुई की अभ्यर्थी जवान से अधेड़ हो गए.
रिपोर्ट: ऋषि नाथ/बिहार
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