टीएनपी डेस्क(Tnp desk):-बात जुबान से और तीर कमान से निकल जाए तो वापस नहीं आती हैं. इसके बाद तो सिर्फ वही होता है, जो होने को होता है. अगर जुबान तीखी, तल्खी और मिर्ची वाली हो, तो फिर अफसोस औऱ मलाल के सिवा तो कुछ बचता ही नहीं है. क्योंकि, जुबान अगर कैंची की तरह चलती है औऱ लगाम वाली न हो, तो फिर फजीहत ही करवाती है. इसके बाद तो तोहमतों की ऐसी बारिश होती है कि जिसे झेलना मुश्किल हो जाता है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही ले लीजिए, सियासत की पिच पर उम्र के इस पायदान पर भी उनकी बैटिंग लाजवाब है. बिहार की सत्ता पर पिछले एक दशक से ज्यादा वक्त तक खुद को काबिज है. इस दौरान टस से मस नहीं हुए हैं औऱ न ही कोई हिला सका हैं. कभी भाजपा को साधते है, तो कभी राजद से मेल मिलाप कर लेते हैं. गठबंधन किसी के साथ भी हो, लेकिन, मुख्यमंत्री तो नीतीश बाबू ही रहते हैं. भले कितना हो हल्ला, हंगामा और कोहराम मच जाए. सियासत के पलटू राम नीतीश गजब के मौके की नजाकत भांप कर खुद को सेट कर ही लेते हैं. उनकी विनम्र औऱ साजगार स्वभाव सबको भा जाता है.
विवादित बोल से फंस गये नीतीश
विधानसभा में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर नीतीश कमार की जुबान ऐसी फिसली की, मानो सारी मर्यादाएं जमीन पर आ गयी, उनकी जुबान से इस तरह के विवादित बोल निकले की. उनको अगले दिन ही माफी मांगना ही साजगार लगा. एक तल्खी भरी जबान के चलते विपक्ष ने भी खूब घेरा और न जाने क्या-क्या बोला गए. किसी ने कहा सठिया गये हैं नीतीश बाबू, तो किसी ने कहा शर्म करो, किसी ने कहा उम्र का असर दिखने लगा है. एक महिला विधायक ने तो यहां तक कहा कि , जो शब्द महिला के लिए वो बोल गये. इससे लगता है कि अब वो सठिया गये हैं औऱ मुख्यमंत्री पद के लायक नही हैं. सोचने और समझने वाली बात है कि एक जबान किस तरह इंसान की इज्जत उतार देती है. कितनी फजीहत औऱ तोहमत के बवंडर से गुजरना पड़ता है. सफाई के लिए न जाने कितने बयान देने पड़ते हैं. हालांकि, नीतीश कुमार 24 घंटे के भीतर ही भांप गये कि सियासात की इस खेल में, उनका ये बयान पीछे धकेल देगा. लिहाजा, बढ़ते बवाल को बीच माफी मांग ली औऱ खुद से शर्मिदा होने की बात भी कही. उन्होंने 24 घंटे के भीतर विधानसभा ने माफी मांगी और कहा कि वे अपने शब्द वापस लेते हैं.
‘नीतीश कुमार शर्म करो, शर्म करों’
विधानसभा में पहुंचते ही नीतीश कुमार को बिहार बीजेपी के नेताओं ने खूब फजीहत की और जमकर हंगामा किया. सभी एक स्वर से कह रहे थे ‘नीतीश कुमार शर्म करो, शर्म करो’ . बवाल, उबाल और सवाल के बीच नीतीश कुमार ने बड़ी विनम्रता से जवाब दिया और बीजेपी के नारों पर बोले कि ‘आप कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री शर्म करें, मैं न सिर्फ शर्म कर रहा हूं, मै इंसे लिए दुख प्रकट कर रहा हूं ,अपनी सारी चिजो को वापस लेता हूं. हम महिलाओं के पक्ष में हैं’
विधानसभा में क्या बोले थे नीतीश कुमार
दरअसल, नीतीश कुमार ने प्रजनन दर पर चर्चा करते हुए हाथों से कुछ इशारे किए और कहा, ‘’हम चाहते है कि लड़की पढ़ाई करे. जब शादी होगा लड़का-लड़की में, तो जो पुरुष है वो तो रोज रात में करता है न...तो उसी में और (बच्चा) पैदा हो जाता है. और लड़की पढ़ लेती है तो उसको मालूम रहेगा कि ऊ(पति) करेगा ठीक है, लेकिन अंतिम में भीतर मत...
इसी बयान को लेकर हाय तौबा विधानसभा के अंदर औऱ बाहर मची हुई. यहां सवाल है कि आखिर एक मंजा हुआ औऱ जिम्मेदार राजनेता कैसे इस तरह की बयानबाजी कर सकता है. क्या वाकई उन पर उम्र हावी होती जा रही है. या फिर कुछ और बात है. खैर छोड़िए विवाद के इस बवंडर में नीतीश तो फंस गये थे औऱ भाजपा ने घेर भी लिया था. लेकिन, खुद को घिरा देख नीतीश ने तुरंत माफी मांग कर इस आग में पानी डाल दिया है. लेकिन, सवाल है कि क्या ये आग बुझेगी
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