औरंगाबाद (AURANGABAD) : बिना काम किए पैसा कमाना या सैलरी उठाना संभव नहीं हैं पर बिहार के शिक्षा मंत्री ने ये भी मुमकिन कर दिया. डॉ. चंद्रशेखर कुमार एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गए हैं. कॉलेज में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत शिक्षा मंत्री बिना हाजिरी के 15 साल से वेतन उठा रहे हैं. ताज्जुब की बात तो ये है कि 15 साल से कॉलेज के उपस्थिति पंजी में उनका नाम तक नहीं है. इसके बाद भी उन्हें हर साल वेतन मिलता आया है. बता दें कि शिक्षा मंत्री इस कॉलेज में 8 अक्टूबर 1985 से कार्यरत थे और मार्च 2026 में सेवानिवृत होंगे.
15 सालों से नहीं गए कॉलेज
इस संबंध में राम लखन सिंह यादव कॉलेज के प्राचार्य डॉ विजय रजक से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि वर्तमान में बिहार के शिक्षा मंत्री डॉक्टर चंद्रशेखर प्रसाद इसी कॉलेज के जूलॉजी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफ़ेसर हैं. विधायक बनने के बाद पिछले 15 वर्षों से उनका कॉलेज में आना जाना कम हो गया है. 15 साल पहले कॉलेज में डॉक्टर चंद्रशेखर क्लास भी लेते थे और छात्र-छात्राओं को पढ़ाते भी थे, लेकिन वर्तमान के 15 वर्षों में न तो उनका उपस्थिति पंजी में नाम दर्ज है और ना ही वो यहाँ आते हैं. फिर भी सरकार के प्रोसीडिंग के हिसाब से इन्हें वेतन मिल रहा है.
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