मुजफ्फरपुर (MUZAFFARPUR) : बिहार में शराबबंदी कानून होने के बावजूद लोग यहां नियम की धज्जी उड़ाते नजर आ रहे हैं. जिन शिक्षकों का काम है बच्चों को अच्छा ज्ञान देना अब वही नशे की हालत में स्कूल पहुंच रहे हैं. शिक्षा के मंदिर में शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. जहां एक शिक्षक नशे में धुत होकर स्कूल पहुंचा और उसके बाद उसने जमकर हंगामा मचाया. यह मामला सकरा प्रखंड के डिहुली इशहाक पंचायत के पहाड़पुर गांव का है. इस हाल में देख वहां मौजूद शिक्षकों, ग्रामीण एवं प्रतिनिधियों ने नशे में धुत शिक्षक को समझाने का प्रयास किया. लेकिन उसने किसी की नही सुनी.
पुलिस ने शिक्षक को किया गिरफ्तार
ये नशेड़ी शिक्षक सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य उमेश ठाकुर प्रा. विद्यालय पहाड़पुर में पदस्थ है. बताया जा रहा है कि शिक्षक के हंगामे के दौरान स्कूल के बच्चे और कुछ ग्रामीण वहीं मौजूद थे. ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले भी वो कई बार नशे की हालत में स्कूल आ चुका है और उसने हंगामा भी खड़ा किया है. मामले को लेकर वार्ड सदस्य मो. एजाज ने सकरा पुलिस को सूचना दी जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शराबी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है.
2016 से बंद है बिहार में शराब, फिर भी हो रही घटनाएं
बिहार में 2016 से शबबंदी लागू किया गया. महिलाओं ने 2015 में इसकी मांग की थी जिसके बाद शराबबंदी कानून बिहार में लागू हुआ. शराबबंदी को लेकर अभियान चलाया गया. इसके बावजूद शराब से जुड़े मामले थमने का नाम नहीं ले रही है. शराब तस्कर का मामला भी बढ़ता जा रहा है. इससे ये साफ है कि बिहार सरकार इस कानून को चलाने में पूरी तरह ये विफल है.
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