छपरा(CHAPRA): छपरा में जहरीली शराब से हुई मौत में बड़ा खुलासा हुआ है. छपरा में जहरीली शराब से मौत मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट में 77 लोगों के मौत की बात कही गई है. इसके साथ ही कई लोगों के आंखों की रौशनी जाने की बात भी रिपोर्ट में कही गई है. जबकि सरकारी आकड़ों के मुताबिक 42 लोगों के जान जाने की बात कही गई थी. मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट आने के बाद भाजपा ने सरकार को फिर घेरा है. भाजपा एमएलसी संजय मयूख ने कहा है कि हमने इसकी जानकारी बिहार विधान परिषद में जानकारी साझा किया है. हमने पूछा है कि बिहार सरकार ने शराबकाण्ड में मृत लोगों की संख्या को छुपाया है. संख्या छुपाने का सरकार का आशय क्या है ? सरकार जनता से छलावा क्यों कर रही है. ये घोर अपराध है. सरकार को इसका जवाब देना चाहिए.
राष्ट्रीय मानवाधिकार के पास कंटेंट कहा से मिला: मंत्री अशोक चौधरी
वहीं इस मुद्दे पर सरकार की ओर से अपना बयान देते हुए मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि सबसे बड़ा सवाल है कि राष्ट्रीय मानवाधिकार के पास कंटेंट कहा से मिला. क्योंकि सरकार के पास जो कंटेंट आती है उसको जिले के पदाधिकारी देते हैं. ये सब चीज जाँच का विषय है. अगर जाँच में गड़बड़ी मिलेगी तो उसपर निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी.
आपको बता दे कि दिसंबर 2022 में बिहार के छपरा में जहरीली शराब से कई लोगों की मौत हुई थी और कई लोगों की आंखों की रौशनी चली गई थी. सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार मौत का आंकड़ा 42 था लेकिन राष्ट्रीय मानवाधिकार ने अपनी रिपोर्ट में उस आंकड़ा को गलत बता कर सरकार और उनके अधिकारियों पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है.
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