पटना (PATNA) : बिहार की राजनीति में आजकल एक ही चर्चा है और वो है आवगामी बैठक. 23 जून को विपक्षी एकता को लेकर पटना में एक बड़ी बैठक होने वाली है. जिसे लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी तेज है. इसी कड़ी में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर का बयान भी खूब चर्चा में है. प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार की सियासत में हुई उथल-पुथल “बिहार केंद्रित” घटना है. मेरी इसमें कोई भूमिका नहीं है न विपक्ष की गोलबंदी में न ही पक्ष की गोलबंदी में. नीतीश कुमार ने जो काम किया है मुझे लगता है बिहार की जनता ने चाहे जिस फारमेशन में उन्हें बिहार का मुख्यमंत्री बनाया है. आज पहले उनकी प्राथमिकता बिहार के विकास के लिए होनी चाहिए चाहे विपक्ष की गोलबंदी हो या न हो. मेरी अपनी थोड़ी बहुत जो राजनीतिक समझ है, अभी बिहार में विपक्ष की गोलबंदी कर रहे हैं उसकी विश्वसनीयता कितनी है ये तो बिहार की जनता पर छोड़ना पड़ेगा.
देश की राजनीतिक में कोई फर्क नहीं पड़ेगा
इसी कड़ी में उन्होंने अपनी बात को आगे रखते हुए कहा कि मुझे ऐसा नहीं लगता है कि बिहार में जो नया राजनीतिक प्रयोग हुआ है उसका देशव्यापी कोई परिणाम होगा. मैंने अपने वक्तव्य में जो महागठबंधन की सरकार बनी है उस पर कहा है. बिहार में जो राजनीतिक घटनाक्रम बदला है उसको मैं राज्य की घटना मानता हूं,इससे देश की राजनीतिक में कोई फर्क पड़ेगा ऐसा मेरी समझ से संभव नहीं है.
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