अररिया (ARARIA) : बरसात के दिनों में अररिया में बहने वाली नूना नदी कहर बनकर आती है. इस बार भी मानसून के शुरुआत में ही नूना उफान के साथ तेजी से विभिन्न स्थानों पर कटाव कर रही है. जिससे अगल बगल में रहने वाले ग्रामीण भय के साये में जी रहे है. कब किस पल क्या हो जाए इसका अंदाजा कोई नहीं लगा सकता है. दरअसल नेपाल के जल अधिग्रहण क्षेत्र में भारी बारिश के बाद अचानक पानी छोड़े जाने से ऐसी समस्या उत्पन्न होती है.
जलस्तर में काफी इजाफा
जल निस्सरण विवाह के द्वारा घोड़ा चौक से बांसबाड़ी तक 47 लाख रुपैये की लागत से दोनों ओर तटबंध का निर्माण किया गया था. इसके बावजूद बारिश के बाद अचानक नदी के जलस्तर में काफी इजाफा हो गया है और बांसबाड़ी के पास नदी तेजी से कटाव कर रही है. कटाव को लेकर एसडीएम के नेतृत्व में अधिकारियों की टीम ने जायजा लेने के बाद विभाग के अभियंताओं को कड़े निर्देश दिए हैं. तटबंध निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर शुरू से ही यह तटबंध विवादों के घेरे में रहा है. फलस्वरूप जिस तरीके से कटाव हो रहा है.
आवश्यक दिशा निर्देश देने की कही बात
नूना नदी जल के साथ अपने साथ भारी मात्रा में सिल्ट लेकर आती है. जिस कारण नदी के बेड शीट में काफी सिल्ट जमा हो जाने से जलस्तर उफान मारने लगती है. अररिया एमपी प्रदीप कुमार सिंह तटबंध निर्माण और काम की गुणवत्ता को लेकर जहां शुरू से सवाल उठाते रहे हैं,वहीं उन्होंने अररिया जिला प्रशासन के साथ बिहार सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. इस मामले पर नजर बनाए रखने की बात करते हुए जल निस्सरण विभाग के अभियंताओं को कटाव रोकने के आवश्यक दिशा निर्देश देने की बात कही.
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