पटना (PATNA): कानून के नियम के अनुसार देश में किसी भी एम्बुलेंस को रोकना अपराध की गिनती में है. एम्बुलेंस पर कोई ट्राफिक रुल्स अप्लाई नहीं होता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें मौजूद मरीज को समय से अस्पताल तक पहुंचना पहला कर्तव्य है और महत्वपूर्ण भी. मगर बिहार के सीएम ही अपने राज्य में इस नियम की धज्जी उड़ाते नजर आए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जिसे देख अब हर कोई इसे शर्मनाक बता रहा है. इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि नीतीश के काफिले को जाने में कोई दिक्कत नहीं हो इसके लिए लोगों की जान तक दांव पर लगाई गई. दरअसल, रविवार को गायघाट पुल से सीएम नीतीश का काफिला गुजर रहा था. इस दौरान सुरक्षा में तैनात पुलिस के जवानों ने गायघाट पुल पर ट्रैफिक को रोक दिया. वहां से गुजरने वाले कई एम्बुलेंस को भी रोक दिया गया. इस एम्बुलेंस के अंदर परिवारवाले रो रहे थे मगर उनकी गाड़ी को आगे नहीं बढ़ने दिया गया क्योंकि सीएम की सवारी जा रही थी.
काफिले के लिए रोका गया एम्बुलेंस
जहां एक तरफ नीतीश कुमार जनता दरबार लगाकर लोगों की फरियाद सुनते हैं और उनकी समस्याओं को जल्द से जल्द निपटाने के लिए अधिकारियों को आदेश देते नजर आते हैं. वहीं दूसरी तरफ ये वीडियो साफ दर्शा रही है कि सीएम को जनता की कितनी फिक्र है. नीतीश के काफिले को गुजरने में कोई दिक्कत न हो इसके लिए एम्बुलेंस को रोक दिया गया और सीएम ने इसे नजरअंदाज कर दिया.
रोते-बिलखते रहे परिजन
मुख्यमंत्री के सामने लोगों की जिंदगी हारती नजर आई. एम्बुलेंस को रोकने पर मरीज के परिजन जाने देने का आग्रह करते रहे, रोते चिखते रहे मगर उनकी फरियाद वहां सुनने वाला कोई नहीं था. जबकि देश में किसी भी हाल में एम्बुलेंस को रोकने का प्रावधान नहीं है. इस दौरान लोगों ने भी नाराजगी जाहिर की और इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
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