गोपालगंज(GOPALGANJ): गोपालगंज के मंडल कारा में एक कैदी का हैरतअंगेज कारनामा सामने आया है.आर्म्स एक्ट में जेल में बंद कैदी ने इंजेक्शन वाली शीशी को निगलकर आत्महत्या करने की कोशिश की है. कैदी को जब पेट मे भयंकर दर्द हुआ तब जेल प्रशासन को इस मामले का पता चला जिसके बाद उसे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. जहां से उसे बेहतर इलाजे के लिए पीएमसीएच अस्पताल रेफर कर दिया गया है.
आर्म्स एक्ट के मामले में किया गया था गिरफ्तार
जानकारी के अनुसार पीड़ित कैदी का नाम दीपक चौहान बताया जा रहा है. यह बरौली थाना क्षेत्र के पिपरहिया गांव निवासी ओमप्रकाश चौहान का पुत्र है. दीपक चौहान के ऊपर आर्म्स एक्ट के मामले में दिसंबर-2022 में बरौली थाने की पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. जिसके बाद कैदी ने कैदी वार्ड में रखी गयी इंजेक्शन की दो शीशी निगल ली. निगलने के बाद जब कैदी के पेट में दर्द हुआ तब जेल प्रशासन द्वारा उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया, जहां प्राथमिक उपचार करने के बाद बेहतर इलाज के लिए उसे पीएमसीएच अस्पताल भेज दिया गया.
झूठे मुकदमे में भेजा गया जेल
इसी बीच पुलिस को दिए अपने बयान में कैदी ने कहा कि पुलिस ने उसे झूठे मुकदमे में जेल भेज दिया है. इसलिए उसने आत्महत्या करने की कोशिश की है. डॉक्टरों ने जब कैदी की एक्सरे कराई तो दवा की दो-दो शीशी एक्सरे में दिखी जिसके बाद मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया और बेहतर इलाज के लिए पीएमसीएच के लिए रेफर कर दिया गया है..
जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर उठ रहे सवाल
वहीं, कैदी के पेट में इंजेक्शन की दवा वाली शीशी मिलने से जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं. आखिर जेल के अंदर कैदी वार्ड तक इंजेक्शन की शीशी कैसे पहुंची. यह अपने आप में बड़ा सवाल है. बता दें कि इसके पहले भी जेल में कैसर अली नाम के कैदी ने पुलिस के डर से मोबाइल को ही निकल गया था.पीएमसीएच में बिना ऑपरेशन के डॉक्टरों ने कैदी के पेट से मोबाइल निकाला था, जिसके बाद उसकी जान बचाई गई थी.
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