बिहार विधानसभा में "फेमिली राजनीति" की दिखी झलक ::मंगलवार को कुछ ऐसे कैमरे कैद हुआ एनडीए का परिवारवाद !


धनबाद(DHANBAD) | परिवारवाद अब राजनीति का अंग बनता जा रहा है. परिवारवाद के पक्ष और विपक्ष में चर्चाएं तो खूब होती है, लेकिन यह "जैसे-जैसे दवा की- मर्ज बढ़ता गया" की तर्ज पर आगे बढ़ता जा रहा है. मंगलवार को बिहार विधानसभा में भी इसका एक नजारा दिखा. दरअसल, भाजपा विधायक प्रेम कुमार को विधानसभा अध्यक्ष चुने जाने के बाद सदन में सभी दलों के नेता स्वागत में अपनी बातें रख रहे थे. इसी दौरान उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी की विधायक स्नेह लता की बारी आई, तो लाइव प्रसारण के फ्रेम में उनके सामने ही बैठे बेटे दीपक प्रकाश दिख गए. दीपक प्रकाश अभी किसी सदन के सदस्य नहीं है, लेकिन मंत्री होने के कारण वह मौजूद थे. उन दोनों के बीच वाली लाइन में जीतन राम मांझी की बहू और मंत्री संतोष सुमन की पत्नी दीपा मांझी अपनी मां ज्योति मांझी के साथ बैठी थी.
विधायक स्नेह लता की दाहिनी तरफ जदयू की विधायक कोमल सिंह भी नजर आ गई. जिनके पिता दिनेश सिंह जदयू के विधान पार्षद और मां बीणा सिंह वैशाली से लोजपा की सांसद है. उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा के चुनाव में एनडीए और महागठबंधन के नेताओं के परिजनों की बड़ी संख्या में जीत और हार हुई है. कुछ तो कई बार चुनाव जीतकर खुद को स्थापित कर लिए है. लेकिन अभी भी कुछ ऐसे हैं, जो परिजनों के भरोसे ही राजनीति कर रहे हैं और चुनाव जीत रहे है. परिवारवाद की बात की जाए तो भाजपा भी इससे अछूता नहीं है, जदयू भी अछूता नहीं है. जीतन राम मांझी की पार्टी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी में तो यह बहुत आगे है. पार्टियों में अगर परिवार बाद की बात की जाए, तो उनकी फेहरिश्त बहुत लंबी है. चलिए भाजपा से ही बात की शुरुआत करते है ----
भाजपा ---सम्राट चौधरी (तारापुर)- पूर्व मंत्री शकुनी चौधरी के बेटे हैं,नीतीश मिश्रा (झंझारपुर)- पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के बेटे हैं,श्रेयसी सिंह (जमुई)- पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह की बेटी है,संजीव चौरसिया (दीघा)- पूर्व राज्यपाल गंगा प्रसाद के बेटे हैं,नितिन नवीन (बांकीपुर)- पूर्व विधायक नवीन सिन्हा के बेटे हैं,सुजीत कुमार (गौड़ा बौराम)- पूर्व MLC सुनील कुमार के बेटे हैं,रमा निषाद (औराई)- पूर्व सांसद अजय निषाद की पत्नी,केदार नाथ सिंह (बानियापुर)- पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के भाई,विशाल प्रशांत (तरारी)- पूर्व बाहुबली विधायक सुनील पांडे के बेटे,राकेश रंजन (शाहपुर)- भाजपा के बड़े नेता रहे विशेश्वर ओझा के बेटे,विक्रम नारायण सिंह (औरंगाबाद)- पूर्व राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह के बेटे,विनय सिंह (सोनपुर)- प्रभुनाथ सिंह के समधी और मांझी विधायक रणधीर सिंह के ससुर है.
जदयू ---अनंत सिंह (मोकामा)- बड़े भाई दिलीप सिंह मंत्री थे,ऋतुराज कुमार (घोषी)- पूर्व सांसद अरुण कुमार के बेटे,चेतन आनंद (नबी नगर)- बाहुबली आनंद मोहन के बेटे,कोमल सिंह (गाय घाट)- जदयू MLC दिनेश सिंह और सांसद वीणा देवी की बेटी,शालिनी मिश्रा (केसरिया)- पूर्व सांसद कमला मिश्र मधुकर की बेटी हैं,मंजीत कुमार सिंह (बरौली)- पूर्व विधायक बृज किशोर सिंह के बेटे हैं,रणधीर कुमार सिंह (मांझी)- पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के बेटे,महेश्वर हजारी (कल्याणपुर)- पूर्व विधायक रामसेवक हजारी के बेटे हैं,शुभेन्दु मुकेश (कहलगांव)- कांग्रेस के बड़े नेता रह चुके सदानंद सिंह बेटे हैं,विभा देवी (नवादा)- पूर्व बाहुबली विधायक राजबल्लभ यादव की पत्नी,मनोरमा देवी (बेलागंज)- बाहुबली नेता बिंदी यादव की पत्नी है.
उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी ---उपेंद्र कुशवाहा ने सासाराम सीट से अपनी पत्नी स्नेहलता को अपनी पार्टी RLM से टिकट दिया और वे जीतकर विधायक बनीं. उनकी पार्टी से जीतने वाले 4 में से 2 विधायक नेताओं के रिश्तेदार हैं. वहीं चिराग पासवान की पार्टी ने 19 सीट जीतीं. इनमें से गोविंदगंज से राजन तिवारी के भाई राजू तिवारी चुनाव जीतकर आए हैं.
मांझी की पार्टी ‘हम’ में 80% विधायक परिवारवादी--केंद्रीय मंत्री और हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी इस मामले में सबसे आगे दिख रहे हैं. पार्टी को मिली 6 सीटों में से 5 पर रिश्तेदारों या राजनीतिक परिवार से जुड़े लोगों को टिकट दिया गया. मांझी की बहू दीपा कुमारी, समधन ज्योति देवी और दामाद प्रफुल्ल मांझी तीनों चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच गए हैं. अतरी सीट से जीते रोमित कुमार पूर्व सांसद अरुण कुमार के भतीजे हैं.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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