Patna-“नीतीश कुमार सब कुछ छोड़ सकते हैं, लेकिन कुर्सी नहीं छोड़ सकते हैं, यदि उनकी मनोकामना पूरी हुई तो वह मरने के बाद भी अपनी कुर्सी साथ लेकर जायेंगे” ये तीखे अल्फाज और किसी के नहीं अपने को सीएम नीतीश का छोटा भाई बताते रहे उस उपेन्द्र कुशवाहा के हैं, जिसने कभी बिहार की जनता को सीएम नीतीश को पीएम बनाने का आह्वान किया था, तब जदयू की सवारी करते हुए उपेन्द्र कुशवाहा को भी सुशील मोदी की तरह सीएम नीतीश में पीएम मटेरियल नजर आता था, लेकिन पाला बदलते ही अब उपेन्द्र कुशवाह इस बात का दावा कर रहे हैं कि सीएम नीतीश तो एक मुखिया का चुनाव जीतने की भी क्षमता नहीं रखते, प्रधानमंत्री बनना तो दूर की बात है.
लोकसभा की 40 सीटों पर एनडीए की विजय का दावा
पालाबदल की तमाम खबरों को खारिज करते हुए उपेन्द्र कुशवाहा ने इस बात का दावा किया वह एनडीए का हिस्सा है और आगे भी इसका भी हिस्सा बने रहेंगे, 2024 के महासंग्राम में बिहार से एनडीए लोकसभा की सारी सीटें फतह करने जा रही है, और लोकसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार की क्या गति होगी, इसकी कल्पना भी जदयू ने नहीं की होगी. नीतीश कुमार के पुराने बयानों की याद दिलाते हुए उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि कभी नीतीश कुमार यह कहा करते थें कि वह सीएम रहते अध्यक्ष की कुर्सी पर नहीं रह सकते थें, लेकिन आज क्या मजबूरी आ खड़ी हुई कि उन्हे सीएम की कुर्सी के साथ ही राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी भी संभालनी पड़ रही है, या तो उनके पास कोई इस लाइक चेहरा नहीं है या फिर उन्हे किसी पर विश्वास नहीं है, वह सब कुछ अब अपने हाथ में रखना चाहते हैं, लेकिन वह जितनी भी कोशिश कर लें, बिहार की सत्ता उनके हाथ से निकलती दिख रही है.
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