रांची :- लोकसभा चुनाव की तारीख का एलान तो नहीं हुआ है. लेकिन, भाजपा ने अपनी तैयारियों को बहुत करीने से अंजाम दे रही है. वक्त से पहले ही अपने 195 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर जता दिया कि उनकी तैयारियां कितनी पुख्ता और परवान पर है. इससे कही न कही इंडिया गठबंधन पर एक मनोवैज्ञानिक बढ़त तो बना ही ली है.
झारखंड में भी 14 सीटों में से 11 प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है. इससे यह साफ हो गया है कि भाजपा इन नामों को जरिए चुनावी अखाड़े में ताल ठोकेगी. अभी भी तीन सीट चतरा, धनबाद और गिरिडीह के प्रत्याशियों के नाम आने हैं. कई लोग अभी भी इसी जुगत में है कि उनका टिकट बचा रहे , तो कोई लोग अपनी बारी का के नाम इंताजर कर रहे हैं. यानि कशमकश और जोर अभी भी लगाया जा रहा है. चलिए विस्तार से जानते है कि आखिर क्या हो सकता है बाकी बचे तीन सीटों पर
धनबाद- सबसे पहले बात करते है कोयलांचल धनबाद की सीट की , जहां मौजूदा सांसद पशुपति नाथ सिंह पर संशय बना हुआ है कि पार्टी टिकट देगी की नहीं. पीएन सिंह बीजेपी के मंझे और तजुर्बेकार लीडर है और सियासत में लंबी पारी खेल चुके हैं. चर्चा यही की जाती है कि लंबी उम्र उनके टिकट की राह में रोड़ा अटकायेगा. लेकिन, दूसरी तरफ तर्क ये सामने भी आता है कि पलामू से बीडी राम को फिर भाजपा ने टिकट दिया. जबकि उनके सामने भी अधिक उम्र का ही मसला बनाया जा रहा था. यहां एक सवाल ये जरुर है कि भाजपा ने जिन 11 उम्मीदवारों को उतरा है, उनमे पीएन सिंह का नाम का एलान क्यों नहीं किया गया. इसी से शक गहरा जाता है कि शायद भाजपा लोहरदगा और हजारीबाग की तरह यहां भी अपना प्रत्याशी बदल सकती है. जो नाम चर्चा में उठ रहें है उनमे भाजपा विधायक राज सिन्हा का नाम सामने आ रहा है. वही एक कांग्रेस विधायक के नाम की चर्चा भी जोरों पर हैं. हाल ही में पीएम मोदी के धनबाद दौर पर उनकी फोट भी एक बीजेपी नेत्री के साथ वायरल हुई थी. अब देखना यही दिलचस्प है कि किसे मौका मिलता है.
चतरा - भाजपा का उम्मीदवार चतरा से कौन होगा , इस पर अभी से सस्पेंश बना हुआ है. सांसद सुनील कुमार सिंह लगातार दो बार यहां चुनाव जीत चुके हैं. लेकिन, इस बार उन्हें टिकट मिलेगा की नहीं, इस पर कुछ नहीं कहा जा सकता है. क्योंकि उनके फीडबैक और सर्वे रिपोर्ट में उतना अच्छा नहीं रहने की अंदर ही अंदर चर्चा है. इस सीट पर हुसैनाबाद के एनसीपी विधायक कमलेश कुमार सिंह और भाजपा विधायक शशि भूषण मेहता के नाम भी रेस में बताए जा रहे हैं . कमलेश सिंह अभी हाल ही में एनसीपी में ही अजीत पवार गुट में शामिल हुए थे. वही, भाजपा के ही योगेन्द्र प्रताप सिंह भी पसंद बताए जा रहें हैं. यहां चांसेज ये है कि भाजपा शायद यहां कोई नये चेहरे को मौका दें.
गिरिडीह- भाजपा के लिए गिरिडीह सीट शुरु से ही एक गढ़ रहा है. लेकिन, 2019 के चुनाव में इस सीट को भाजपा ने अपने गठबंधन के सहयोगी आजसू को दिया था. जिसमे चन्द्र प्रकाश चौधरी ने भारी मतों से जीत दर्ज की थी. ऐसा माना जा रहा है कि इस सीट को भाजपा आजसू को ही देगी . हालांकि, कई भाजपा उम्मीदवार भी नजरे लगाए हुए है कि शायद यह सीट भाजपा के खाते में हो. जिनमे भाजपा के एक पूर्व सांसद भी हैं.
सवाल है कि भाजपा किसे टिकट देगी और किसे नहीं . पिछले 11 उम्मीदवारों की सूचि को देखे तो भाजपा ने ज्यादा बदलाव नहीं किया है. सिर्फ दो सीट हजारीबाग और लोहरदगा में ही प्रत्याशियों को बदला. जबकि, सिहभूंम में कांग्रेस से आई गीता कोड़ा और राजमहल से ताला मरांडी को टिकट दिया. बाकी पुराने ही प्रत्याशी चुनावी मैदान में भाजपा का झंडा लेकर उतरेंगे .
यहां एक चिज साफ नजर आती है कि भाजपा को अगर टिकट देना रहता तो फिर चतरा और धनबाद के मौजूदा प्रत्याशियों के ही नाम का एलान कर सकती थी. लेकिन, ऐसा नहीं किया. इससे तो एक चिज नजर ये आती है कि किसी नये चेहरे को यहां मौका देगी . खैर आगे क्या होता ये तो वक्त बतायेगा, क्योंकि अभी कुछ नहीं कहा जा सकता, सिर्फ कयास ही लगाए जा सकते हैं.
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