जाति जनगणना की रिपोर्ट के बाद हिस्सेदारी के लिए जंग की शुरुआत! पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने उठाया आबादी के अनुपात में आरक्षण की मांग

उग्र हिन्दुत्व के इस भूचाल में कोई यह पूछने की जहमत भी नहीं उठा रहा था कि नौकरियों में दलित-अतिपिछड़ों की भागीदारी कितनी है, विधान सभा से लेकर लोकसभा में उनकी हिस्सेदारी क्या है. लेकिन जातीय जनगणना का आंकड़ा जारी होते ही यह सवाल नेपथ्य से राजनीति के मुख्य धारा में शामिल हो गया. और यही भाजपा की सियासी परेशानी की वजह है और जातीय जनगणना के आंकडों को नकारने का कारण भी.

जाति जनगणना की रिपोर्ट के बाद हिस्सेदारी के लिए जंग की शुरुआत! पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने उठाया आबादी के अनुपात में आरक्षण की मांग