रांची(RANCHI)-राजधानी रांची स्थित मेन रोड हिंसा मामले में चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने सरकार को अद्यतन रिपोर्ट को पेश करने का निर्देश दिया है. साथ ही अगली सुनवाई में सभी पक्षों को अपना बहस संक्षिप्त करने को कहा है, ताकि मामले की जांच को आगे बढ़ाया जा सका और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके. अब इस मामले में अगली सुनवाई 26 सितम्बर को होगी.
भाजपा प्रवक्ता के विवादित बयान पर भड़की थी हिंसा
ध्यान रहे कि तात्कालीन भाजपा प्रवक्ता नुपूर शर्मा के द्वारा पैगम्बर मोहम्मद साहब के बारे में एक विवादित बयान के 10 जून 2022 को राजधानी रांची में हिंसा भड़क उठी थी, जुमे की नमाज के बाद उपद्रवी अपने-अपने हाथों में इट्ट पत्थर के साथ मेन रोड पर निकल पड़े थें, हनुमान मंदिर आते आते उपद्रवियों की यह भीड़ बेकाबू हो गयी और आखिरकार पुलिस को गोलीचार्ज करना पड़ा, इस गोलीबारी में दो लोगों की मौत हो गयी, मृतकों की पहचान मुद्दस्सिर उर्फ कैफी और मोहम्मद साहिल के रुप में की गयी थी. इसमें से एक मेन रोड स्थित हिंद पीढ़ी का छात्र था. दावा किया जाता है कि उसका उसका इस भीड़ से कोई सरोकार नहीं था. वह मात्र उत्सुकतावस भीड़ की आवाज सुन कर बाहर निकला था, लेकिन जैसे ही वह बाहर निकला पुलिस की गोली का शिकार हो गया और आनन फानन में उसे रिम्स में भर्ती करवाया गया, लेकिन कई दिनों के संघर्ष करने के बाद आखिरकार उसने दम तोड़ दिया, जिसके बाद शहर में तनाव की स्थिति पैदा हो गयी, इस बिगड़ते हालात को निंयत्रित करने के लिए प्रशासन को आखिरकार अर्ध सैनिक बलों का सहारा लेना पड़ा.
हिंसा के पीछे सुनियोजित साजिश का दावा
दावा किया जाता है कि इस हिंसा के पीछे एक सुनियोजित साजिश थी, कई युवाओं को पैसे का लालच लेकर हिंसा के लिए उकसाया गया था, और उनके लिए ईट्ट और पत्थरों की व्यवस्था की गयी थी. चार्जशीट में इस बात का दावा किया गया है कि सभी आरोपियों को खेत मोहल्ला निवासी सद्दाम का फोन आया था और उसकी ही निगरानी में हिंसा भड़काने की साजिश रची जा रही थी. बाद में पुलिस ने इस मामले में हिन्द पीढ़ी कांड संख्या- 79/2022 और डेली मार्केट थाना में कांड संख्या 16/2022 दर्ज के साथ ही कुल 18 मामले दर्ज किये गये थें. जिसमें कई मामले का अभी अनुसंधान जारी है.
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