दरकते प्रेम की अंतर्कथा: साजिश, सियासत और झपकी

अभी चंद दिनों पहले जिस कंधे पर अपना मुखड़ा रख कर सीएम नीतीश अपने प्रेम का इजहार कर रहे थें, वह प्रेम की झपकी अब दगा देता नजर आने लगा है, और वजह एक बार फिर से सियासत और इस सियासत की अभिन्न हिस्सा साजिश है, सियासत जहां सब कुछ अवसरों की तलाश के लिए होता है,

दरकते प्रेम की अंतर्कथा: साजिश, सियासत और झपकी